Varanasi : इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की मेघालय में उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी द्वारा कथित तौर पर कराई गई हत्या ने काशी के अधिवक्ता (District Court) समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। अधिवक्ताओं का कहना है कि सोनम रघुवंशी ने अपने पति के साथ सात फेरे और सात वचन लेने की कसम खाई थी, फिर भी उसकी हत्या की साजिश रचकर नारी समाज को कलंकित किया है। इस घटना ने समाज में नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे पुरुषों में अपनी पत्नियों के प्रति अविश्वास और भय का माहौल बन रहा है।

अधिवक्ता भानु प्रताप सेठ ने कहा कि सोनम रघुवंशी जैसी महिला का इस समाज में कोई स्थान नहीं है। उसने अपने पति की हत्या कराई, जो न केवल एक जघन्य अपराध है, बल्कि सामाजिक मूल्यों को भी ठेस पहुंचाता है। उन्होंने बताया कि राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी और इसके बाद दोनों हनीमून के लिए मेघालय गए थे।
वहां सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और तीन अन्य आरोपियों—विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची। हत्या 23 मई को वेसाडोंग वॉटरफॉल के पास की गई, जहां राजा के सिर पर कुल्हाड़ी और अन्य हथियारों से हमला किया गया और उनके शव को खाई में फेंक दिया गया।

सोनम ने 9 जून को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आत्मसमर्पण किया, जहां वह एक रेस्टोरेंट में अपने प्रेमी के साथ थी। मेघालय पुलिस ने इस मामले में सोनम, राज कुशवाहा और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दो हथियार भी बरामद किए हैं।
भानु प्रताप सेठ ने कहा कि काशी में हाल के दिनों में तीन-चार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पत्नियों ने अपने पतियों की हत्या कराई या की। इससे पुरुषों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। उन्होंने आशंका जताई कि इन घटनाओं के पीछे एक बड़ा सिंडिकेट हो सकता है। सेठ ने माता-पिता से अपील की कि वे अपनी बेटियों की शादी से पहले उनकी राय और उनके प्रेम संबंधों की जानकारी अवश्य लें, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि दो परिवारों का बर्बाद होना किसी के लिए भी ठीक नहीं है।

अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि इस मामले में सभी दोषियों, जिसमें सोनम और उसका प्रेमी शामिल हैं, को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। राजा के भाई सचिन रघुवंशी ने भी नार्को टेस्ट की मांग की है, ताकि साजिश की पूरी सच्चाई सामने आ सके। काशी के अधिवक्ता इस मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने और दोषियों को दोहरी आजीवन कारावास या फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं, ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए।

