अगर आप भी डिस्पोजेबल कप में पीते है चाय-कॅाफी, तो हो जाए सावधान! दे रहे हैं इन जानलेवा बीमारियों को दावत

सर्दियों के मौसम में चाय और कॉफी की चुस्कियां लेना सभी को पसंद होता है। कोई रजाई में बैठकर गर्म चाय का लुत्फ उठाता है, तो कोई काम के दौरान कॉफी की चुस्कियों से खुद को तरोताजा रखता है। अक्सर बाहर मिलने वाली चाय-कॉफी को पेपर डिस्पोजेबल कप में परोसा जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन कपों में चाय या कॉफी पीना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है? इससे आप कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि डिस्पोजेबल कप में गर्म पेय पदार्थ पीने के क्या नुकसान हैं।

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पेपर कप में चाय-कॉफी पीना क्यों खतरनाक?

अगर आप पेपर कप में गर्म पेय पदार्थ पीते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। इन कपों को वॉटरप्रूफ बनाने के लिए इनमें एक पतली प्लास्टिक कोटिंग होती है, जिसे माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है। जब गर्म चाय या कॉफी इस कप में डाली जाती है, तो गर्मी के संपर्क में आकर यह परत टूट जाती है और इसमें मौजूद सूक्ष्म प्लास्टिक कण (माइक्रोप्लास्टिक) पेय पदार्थ में मिल जाते हैं। ये कण इतने बारीक होते हैं कि नंगी आंखों से इन्हें देखना असंभव होता है।

माइक्रोप्लास्टिक के नुकसान

माइक्रोप्लास्टिक आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इसके दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:

हार्मोनल असंतुलन: यह शरीर में हार्मोनल गड़बड़ी पैदा कर सकता है।
पाचन तंत्र पर असर: लगातार सेवन करने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
कैंसर का खतरा: शोधों में यह पाया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक के कण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं।
धीमे जहर की तरह असर: एक अध्ययन के अनुसार, एक पेपर कप से 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक कण आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।
कैसे बच सकते हैं इस खतरे से?
अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो डिस्पोजेबल कप से बचें और इसकी जगह स्टील या सिरेमिक कप का उपयोग करें।

घर से बाहर जाते समय अपना खुद का कप साथ रखें।

स्टील, कांच या सिरेमिक के रियूजेबल कप का उपयोग करें।
पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक और डिस्पोजेबल कप के इस्तेमाल को कम करें।

भले ही पेपर कप सुविधाजनक लगते हों, लेकिन वे आपकी सेहत के लिए धीमे जहर के समान हैं। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव करके न सिर्फ आप अपना स्वास्थ्य सुधार सकते हैं, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा कर सकते हैं। अगली बार जब भी आप चाय-कॉफी पीने जाएं, तो एक बार जरूर सोचें कि यह कप आपके शरीर को कितना नुकसान पहुंचा सकता है!

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