Earthquake in Delhi-NCR : भूकंप के झटके से फिर हिली दिल्ली की धरती, हरियाणा के झज्जर में था केंद्र

Earthquake in Delhi-NCR : दिल्ली-एनसीआर (Earthquake in Delhi-NCR) में लगातार दूसरे दिन भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। शुक्रवार, 11 जुलाई की शाम ठीक 7 बजकर 49 मिनट 43 सेकंड पर राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 दर्ज की गई और इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था। धरती में यह कंपन 10 किलोमीटर की गहराई में उत्पन्न हुआ।

गुरुवार, यानी 10 जुलाई की सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर भी दिल्ली-NCR में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.4 मापी गई थी। उस झटके का केंद्र भी झज्जर ही रहा।

Earthquake in Delhi-NCR : मेरठ समेत कई जिलों में महसूस हुए थे झटके

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली के साथ-साथ रोहतक, गुरुग्राम, पानीपत, हिसार और मेरठ में भी कंपन महसूस किया गया। कई इलाकों में लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए। कुछ तो बिना चप्पल या जूते के ही घर छोड़कर सड़कों पर आ गए।

दो दिन में लगातार आए इन झटकों के बाद दिल्ली (Earthquake in Delhi-NCR) और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप को लेकर चिंता और सतर्कता बढ़ गई है। फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

भूकंप आता क्यों है?

पृथ्वी के अंदर विशाल टेक्टोनिक प्लेटें होती हैं, जो लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो फॉल्ट लाइन पर ऊर्जा जमा होती है। यह ऊर्जा जब बाहर निकलती है, तो जमीन हिलती है और भूकंप महसूस होता है।

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रिक्टर स्केल क्या है?

रिक्टर स्केल वह पैमाना है जिससे भूकंप की ताकत मापी जाती है। इसे 1935 में चार्ल्स रिक्टर और बेनो गुटनबर्ग ने मिलकर विकसित किया था। इससे भूकंप की तीव्रता को 1 से 9 या उससे अधिक अंकों में मापा जाता है, जिससे हम जान सकते हैं कि कंपन कितना गंभीर है।


भूकंप की तीव्रता और उसका असर (सरल भाषा में):

  • 1.0–1.9: सिर्फ उपकरणों से पता चलता है
  • 2.0–2.9: हल्का कंपन, आमतौर पर महसूस नहीं होता
  • 3.0–3.9: ऐसा लगता है जैसे कोई भारी वाहन पास से गुजरा
  • 4.0–4.9: खिड़कियां हिल सकती हैं, दीवारों पर टंगी चीजें गिर सकती हैं
  • 5.0–5.9: घर के अंदर फर्नीचर हिल सकता है
  • 6.0–6.9: कमजोर इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है
  • 7.0–7.9: बड़ी तबाही, इमारतें गिर सकती हैं
  • 8.0–8.9: विनाशकारी, सुनामी जैसी घटनाएं संभव
  • 9.0+ : अत्यधिक विनाशकारी, सबकुछ तबाह हो सकता है

दिल्ली-एनसीआर किस भूकंपीय जोन में आता है?

दिल्ली-NCR (Earthquake in Delhi-NCR) जोखिम वाले भूकंपीय जोन-4 में आता है, जो भारत के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में से एक है। यही वजह है कि यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं।

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