New Delhi : नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कांग्रेस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। शनिवार को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ED की पूछताछ के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने एजेंसी के समक्ष कांग्रेस का पक्ष मजबूती से रखा और साफ शब्दों में कह दिया कि ED को यह सलाह देने का अधिकार नहीं है कि पार्टी कर्ज चुकाने के लिए संपत्तियां बेचे।
खेड़ा ने कहा कि हम कोई महाजनी कारोबार नहीं कर रहे हैं। Congress ने अखबार की विचारधारा को जीवित रखने के लिए ब्याज-मुक्त कर्ज दिया था। यदि वह कर्ज चुकता नहीं हो सका, तो संपत्ति बेचने की सलाह देने वाली ईडी कौन होती है।

कांग्रेस का तर्क: गैर-लाभकारी मकसद से की गई पहल
कांग्रेस ने दोहराया कि नेशनल हेराल्ड के पुनरुद्धार के लिए ‘यंग इंडियन’ नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई थी। इस कंपनी को कोई लाभ नहीं हुआ, न ही Congress नेताओं को कोई वित्तीय लाभ मिला। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि हमने ED से यह मांग की है कि जिन दस्तावेजों को एजेंसी ने जब्त किया है, उन्हें सार्वजनिक रिकॉर्ड पर लाया जाए ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके।
सुप्रिया श्रीनेत और सिंघवी ने भी बोला हमला
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को इस पूरे मामले को “अजीबोगरीब” करार देते हुए कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, लेकिन न तो कोई लेन-देन हुआ है और न ही किसी को लाभ पहुंचा है। Congress ने एक ऐतिहासिक संस्था एजेएल (एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड) को बचाने के लिए मदद की। यह संस्था भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय स्थापित की गई थी।”
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपनी दलीलों में कहा कि यंग इंडियन को एजेएल से एक इंच भी जमीन या संपत्ति नहीं मिली है। कांग्रेस नेताओं ने इसमें कोई पैसा नहीं कमाया।

ईडी का आरोप: 2,000 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा सहित यंग इंडियन कंपनी ने मिलीभगत करके एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने की साजिश रची। ईडी का दावा है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर थे और इसी के माध्यम से 90 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज के एवज में करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया।

