महाकुंभ 2025: सोशल मीडिया पर नंबर वन ट्रेंड बना #एकताकामहाकुम्भ, अबतक 70,000 यूजर्स ने इस हैशटैग का किया उपयोग

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयागराज में सोमवार को शुरू हुए महाकुंभ 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “एकता का महाकुम्भ” करार दिया। पीएम और सीएम के इस संदेश ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त असर डाला। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर #एकताकामहाकुम्भ हैशटैग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर टॉप ट्रेंड में जगह बनाई और दोपहर तक यह नंबर वन पर ट्रेंड करने लगा।

सोशल मीडिया पर महाकुंभ की धूम

महाकुंभ के पहले दिन सुबह से ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी श्रद्धा और विचार प्रकट करने शुरू कर दिए। बड़ी संख्या में यूजर्स ने #एकताकामहाकुम्भ के साथ महाकुंभ से जुड़े वीडियो, फोटो और सूचनाएं साझा कीं।

महाकुंभ 2025: सोशल मीडिया पर नंबर वन ट्रेंड बना #एकताकामहाकुम्भ, अबतक 70,000 यूजर्स ने इस हैशटैग का किया उपयोग महाकुंभ 2025: सोशल मीडिया पर नंबर वन ट्रेंड बना #एकताकामहाकुम्भ, अबतक 70,000 यूजर्स ने इस हैशटैग का किया उपयोग

शाम तक करीब 70,000 यूजर्स ने इस हैशटैग का उपयोग किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद इस ट्रेंड में और तेजी आई।

राजनीतिक और सरकारी हस्तियों की भागीदारी

एकताकामहाकुम्भ के प्रचार में प्रमुख नेताओं और सरकारी संस्थानों ने भी हिस्सा लिया। पूर्व सांसद स्मृति ईरानी, सांसद रवि किशन, यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, भारत सरकार के MyGovIndia और नमामि गंगे जैसे सरकारी हैंडल्स ने इस हैशटैग का उपयोग किया।

मुख्यमंत्री योगी का संदेश

सीएम योगी ने अपने एक संदेश में कहा कि महाकुम्भ जाति, पंथ और संप्रदाय से ऊपर उठकर एकता और सनातन आस्था का परिचायक है। उन्होंने कहा, “जो लोग सनातन आस्था का सम्मान नहीं करते, उन्हें यहां आकर देखना चाहिए कि यह स्थान सभी के लिए समान और पवित्र है।”

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अन्य हैशटैग्स की चर्चा

एकताकामहाकुम्भ के साथ-साथ #MahaKumbh2025, #पवित्र संगम, #पौष पूर्णिमा, #प्रथम अमृत, और #संगम जैसे हैशटैग्स ने भी ट्रेंड किया। सोशल मीडिया यूजर्स ने इन हैशटैग्स के जरिए महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता का प्रचार-प्रसार किया।

महाकुम्भ को मिली सराहना

पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा इसे “एकता का महाकुम्भ” घोषित करने के बाद, यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण बन गया है। सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं ने इसे न केवल एक धार्मिक बल्कि एक राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया।

महाकुंभ 2025 की यह शुरुआत सनातन संस्कृति और एकता के संदेश को फैलाने का अभूतपूर्व उदाहरण बन गई है।

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