नई दिल्ली I चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदाता सूची में हेरफेर और डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र को लेकर उठ रहे सवालों को गंभीरता से लिया है। आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए बीते एक महीने में कई अहम फैसले लिए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोग ने डिजिटल प्रशिक्षण, राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़ाने और मतदाता सूची को दुरुस्त करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

Election Commission ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि लगभग एक करोड़ चुनाव अधिकारियों को डिजिटल प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। चुनावी हैंडबुक और निर्देशों के मैनुअल को नवीनतम परिवर्तनों के साथ अपडेट किया जाएगा। चुनाव कर्मियों के लिए कई भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार की जाएंगी। इसके अलावा एनिमेटेड वीडियो और एकीकृत डैशबोर्ड से प्रशिक्षण को डिजिटल रूप में बढ़ावा मिलेगा।
डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र हटाने की मुहिम
Election Commission ने देशभर में ईपीआईसी नंबरों में डुप्लीकेट को हटाने का फैसला लिया है। आयोग का लक्ष्य तीन महीने के भीतर दशकों पुराने इस मुद्दे को समाप्त करना है। इसके लिए UIDAI और ECI के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द शुरू होगा।

31 मार्च तक सभी राज्यों में सर्वदलीय बैठकें
Election Commission ने राजनीतिक दलों की भागीदारी को मजबूत करने के लिए 31 मार्च 2025 तक सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। सीईसी ज्ञानेश कुमार ने निर्देश दिया है कि सभी 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), 788 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और 4123 निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ईआरओ) नियमित रूप से सर्वदलीय बैठकें करें। इससे राजनीतिक दलों द्वारा जमीनी स्तर पर उठाए गए लंबित मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी।