Varanasi : भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने Emergency की 50वीं वर्षगांठ पर कमिश्नरी सभागार में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर “प्रहसन संसद” (Mock Parliament) का आयोजन हुआ, जिसमें आपातकाल के काले अध्याय को मंच पर जीवंत किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि लोकसभा सांसद बासुरी स्वराज थीं, जबकि अध्यक्षता उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद गीता शाक्य ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और भारत माता को पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। इसके बाद सामूहिक वंदे मातरम गान हुआ और मंचासीन अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्र व मोमेंटो भेंटकर किया गया।

लोकतंत्र का गला घोंटा गया: बासुरी स्वराज
सांसद बासुरी स्वराज ने अपने उद्बोधन में आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा, “25 जून 1975 की रात जब इंदिरा गांधी ने रेडियो पर आपातकाल लागू करने की घोषणा की, वह क्षण संविधान और नागरिक अधिकारों की हत्या का था। कांग्रेस ने अपनी सत्ता बचाने के लिए न केवल संविधान से छेड़छाड़ की बल्कि देश की जनता की आवाज भी दबा दी।”
उन्होंने बताया कि कैसे 38वां, 39वां और 42वां संविधान संशोधन कर न्यायपालिका की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कुचला गया। बासुरी ने कहा, “आज राहुल गांधी उसी संविधान की दुहाई देते हैं, जिसे उनकी दादी ने कुचल कर रख दिया था।”
बासुरी स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने संविधान की रक्षा करते हुए अनुच्छेद 370 (Article 37) हटाया, जीएसटी लागू किया, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण दिया और महिला सशक्तिकरण के लिए 33% आरक्षण वाला नारी वंदन अधिनियम लागू किया।

विशिष्ट अतिथियों ने साझा किए विचार
राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि नारी वंदन अधिनियम महिलाओं को राजनीति में निर्णायक भूमिका देगा। पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल ने याद किया कि “आपातकाल के दौरान कोई अपील, कोई दलील और कोई सुनवाई नहीं थी। अखबारों पर ताले जड़ दिए गए, मीडिया पर सेंसरशिप थोप दी गई।”

प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य ने इंदिरा गांधी और संजय गांधी द्वारा लागू की गई नसबंदी नीति को कठोर और अमानवीय करार दिया। उन्होंने कहा कि गरीबों को जबरदस्ती घरों से उठा लिया गया, लोग परिवार छोड़कर भागते फिरते थे। उन्होंने युवाओं से आपातकाल के बारे में जानने और सीखने का आह्वान किया।

चार सत्रों में चला कार्यक्रम
कार्यक्रम का संचालन चार सत्रों में किया गया:
- प्रथम सत्र: उद्घाटन और सम्मान कार्यक्रम।
- द्वितीय सत्र: “प्रहसन संसद” में पक्ष-विपक्ष की बहस। ज्योत्सना श्रीवास्तव लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका में रहीं।
- तृतीय सत्र: विपक्ष के नेता के रूप में अमिता गुप्ता का भाषण और विभिन्न विषयों पर बहस — प्रेस सेंसरशिप, मौलिक अधिकारों का निलंबन, न्यायिक हस्तक्षेप, नागरिक समाज पर दमन आदि।
- समापन सत्र: महिला मोर्चा की प्रदेश कोषाध्यक्ष रानिका जायसवाल ने समापन वक्तव्य दिया।
बालिकाओं की भागीदारी और प्रदर्शनी
कार्यक्रम में आर्यमहिला एनएन मॉडल स्कूल की बालिकाएं राजनेताओं की वेशभूषा में मंच पर उपस्थित रहीं, जो आकर्षण का केंद्र बना। कमिश्नरी उद्यान में बासुरी स्वराज द्वारा वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। साथ ही, आपातकाल की घटनाओं पर आधारित exhibition का भी उद्घाटन और अवलोकन उन्होंने किया।

इस अवसर पर गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी, केशरी देवी पटेल, कुसुम पटेल, विनिता सिंह, नम्रता चौरसिया, पूजा दीक्षित, सपना सिंह, प्रो. भारती मिश्रा, प्रो. भावना त्रिवेदी, प्रो. मंजू द्विवेदी, साधना वेदांती, डॉ. कृतिका अग्रवाल समेत अनेक प्रमुख महिला नेतृत्च की उपस्थिति रही।