नई दिल्ली। देशभर में दवाओं की गुणवत्ता जांच अभियान के दौरान केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने नवंबर महीने में 111 दवाओं को मानकों पर खरा नहीं पाया। इनमें से दो दवाएं नकली मिली हैं, जिनके उत्पादकों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। ये नकली दवाएं बिहार और गाजियाबाद से जब्त की गई थीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं और इन दवाओं को बाजार से हटाने का आदेश दिया है।
जांच का विवरण
CDSCO ने देशभर में दवा दुकानों से नमूने एकत्र किए थे। इन नमूनों में से 41 दवाओं की जांच केंद्रीय प्रयोगशालाओं में की गई, जबकि 70 दवाओं की जांच राज्यों की प्रयोगशालाओं में हुई। इन दवाओं में गैस, बुखार और सांस की बीमारियों की दवाएं शामिल थीं।
नकली दवाओं का खुलासा
बिहार से पैन-40 नामकगैस की दवा नकली पाई गई, जिसका बैच नंबर 23443074 है। गाजियाबाद से ऑगमेंटिन 625 डीयूओ (एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलैनेट टैबलेट) नकली पाई गई, जिसका बैच नंबर 824डी054 है।

कड़ी सजा का प्रावधान
अधिकारियों के अनुसार, नकली दवाओं को बड़ी कंपनियों के नाम पर तैयार किया गया था। नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री के मामलों में 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नकली दवाओं को बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही संबंधित उत्पादकों की जांच के लिए कानूनी कार्रवाई तेज कर दी गई है।
यह मामला स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है और सरकार अब दवा गुणवत्ता जांच के लिए सख्त उपायों पर जोर दे रही है।