भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 6वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह निर्णय समिति के 4:2 के बहुमत से लिया गया। फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका मतलब है कि आपकी लोन ईएमआई पर फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या है रेपो रेट का मतलब?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज उपलब्ध कराता है। रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर बैंकों की उधारी दरों और आपके लोन की EMI पर पड़ता है। रेपो रेट स्थिर रहने से लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी मौजूदा EMI की दरें भी स्थिर बनी रहेंगी।
RBI का रुख
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति का पहला उद्देश्य महंगाई को नियंत्रण में रखना है। SDF दर 6.25% और एमएसएफ दर 6.75% पर स्थिर है। समिति ने सर्वसम्मति से तटस्थ रुख बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की है, जो आर्थिक अनिश्चितताओं और जोखिमों के प्रति सतर्कता दर्शाता है।
आपकी EMI पर असर
रेपो रेट स्थिर रहने से उन लोगों को राहत मिलेगी जो होम लोन, पर्सनल लोन या ऑटो लोन की EMI चुका रहे हैं।
मौजूदा कर्ज पर रेपो रेट स्थिर रहने का मतलब है कि आपकी EMI में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं होगी।
नए लोन पर: नई उधारी की दरें भी फिलहाल स्थिर रहेंगी। RBI ने स्पष्ट किया कि महंगाई को नियंत्रित करना उसकी प्राथमिकता है। वर्तमान में महंगाई दर और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।