महिला नागा साधु: जानिए उनकी रहस्यमयी दुनिया, क्या करती हैं और कहां रहती हैं?

प्रयागराज। हर साल आयोजित होने वाला महाकुंभ एक ऐसा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत शामिल होते हैं। इस बार भी 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। कुंभ में श्रद्धालु गंगा-यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। महाकुंभ में साधु-संतों का महत्व सबसे ज्यादा होता है, जिनमें नागा साधु प्रमुख आकर्षण होते हैं।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now

नारी शक्ति का अद्वितीय रूप – महिला नागा साधु
कुंभ मेला केवल पुरुष नागा साधुओं के लिए नहीं, बल्कि महिला नागा साधुओं के लिए भी एक विशेष महत्व रखता है। महिला नागा साधु अपने जीवन को पूर्ण रूप से ईश्वर को समर्पित कर देती हैं। इनका जीवन कठोर साधना और पूजा-पाठ में बसा होता है। नागा साधुओं का जीवन अत्यंत कठिन होता है, जिसमें महिलाएं भी बिना किसी भय के पूरी तरह से समर्पित होती हैं।


महिला नागा साधु बनने की कठिन प्रक्रिया
महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया बेहद कठिन होती है। इसके लिए 10 से 15 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है। इसके बाद गुरु की स्वीकृति मिलने के बाद ही महिला को नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है। महिला नागा साधुओं को वस्त्रधारी रहने की अनुमति होती है, लेकिन उन्हें तिलक लगाना और गेरुए रंग का सिला हुआ कपड़ा पहनना अनिवार्य होता है।


साधु बनने के बाद की जीवनशैली
महिला नागा साधु बनने के बाद उन्हें अपने जीवन में कई बदलाव करने पड़ते हैं। उन्हें पिंडदान और मुंडन कराना होता है, फिर उन्हें नदी में स्नान कराया जाता है। इनकी दिनचर्या पूजा-पाठ और जाप से भरपूर होती है। वे भगवान शिव और दत्तात्रेय की पूजा करती हैं और अखाड़े में उन्हें पूरा सम्मान मिलता है।


महाकुंभ के दौरान शाही स्नान
कुंभ मेला में महिला नागा साधु भी शाही स्नान करती हैं, लेकिन पुरुष नागा साधुओं के स्नान के बाद उन्हें नदी में स्नान करने का अवसर मिलता है। महिला नागा साधुओं को आम तौर पर माई, अवधूतानी या नागिन कहकर संबोधित किया जाता है, लेकिन उन्हें अखाड़े के प्रमुख पदों के लिए नहीं चुना जाता। महिला नागा साधुओं का जीवन अन्य साधुओं से काफी अलग और अनुशासन से भरा होता है, जो कुंभ मेला में उनकी आस्था और तपस्या को दर्शाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *