वाराणसी। मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा के ब्लड बैंक में मंगलवार को आग (Fire) लगने से हड़कंप मच गया। यह घटना करीब 6:30 बजे हुई, जिसके बाद तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचीं दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने तेजी से आग बुझाने का कार्य शुरू किया। अस्पताल के एसआईसी डॉ. एसपी सिंह और ब्लड बैंक के वरिष्ठ फार्मासिस्ट जितेंद्र पटेल कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की।
Fire : दस्तावेज जलने की आशंका
एसआईसी डॉ. एसपी सिंह के अनुसार, आग (Fire) ब्लड बैंक के रिकॉर्ड रूम में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। इस कक्ष में महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य सामग्री संग्रहीत थी। दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई के चलते आग को समय रहते बुझा लिया गया, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। हालांकि, कितने दस्तावेज प्रभावित हुए, इसका आकलन किया जा रहा है।
दमकल विभाग ने 45 मिनट में पाया आग पर काबू
फायर ऑफिसर सेकेंड ऋषभ दुबे ने बताया कि चेतगंज फायर कंट्रोल रूम को सुबह 6:43 बजे आग (Fire) लगने की सूचना मिली थी। तुरंत चेतगंज और कोतवाली फायर स्टेशनों से एक-एक दमकल गाड़ी रवाना की गई। आठ दमकल कर्मियों और चार हेड कांस्टेबलों की टीम ने मिलकर 45 मिनट में आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया।
ब्लड बैंक जरूरतमंदों के लिए जीवनदायिनी
ब्लड बैंक अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए रक्त आपूर्ति की महत्वपूर्ण कड़ी है। कबीरचौरा अस्पताल में वर्ष 1997 से संचालित यह ब्लड बैंक अब तक हजारों मरीजों की मदद कर चुका है। वर्ष 2023-24 में अब तक 7,220 यूनिट रक्त उपलब्ध कराया जा चुका है।
ब्लड बैंक में कुल 27 कर्मचारी कार्यरत हैं, जो सरकारी, संविदा और आउटसोर्सिंग के तहत अपनी सेवाएं देते हैं। यहां 35 अत्याधुनिक मशीनें मौजूद हैं, जिनमें ब्लड स्टोरेज, एसडीपी और विभिन्न प्रकार की टेस्टिंग मशीनें शामिल हैं।
ब्लड बैंक की स्टोरेज क्षमता
वरिष्ठ फार्मासिस्ट जितेंद्र पटेल के अनुसार, ब्लड बैंक में एक बार में 600 यूनिट रक्त, 600 यूनिट प्लाज्मा और 60 यूनिट प्लेटलेट्स को संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए पर्याप्त संख्या में फ्रीजर उपलब्ध हैं, जो रक्त को सुरक्षित रखने में सहायक हैं।