
मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को पूर्व सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। उन पर शेयर बाजार में कथित धोखाधड़ी, नियामकीय उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अदालत ने मामले की जांच की निगरानी करने की बात भी कही है और 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
विशेष ACB अदालत के न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव बांगर ने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया विनियामकीय चूक और मिलीभगत के सबूत मिले हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है। शिकायतकर्ता, जो एक मीडिया रिपोर्टर हैं, ने आरोप लगाया कि सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक दायित्वों में विफल रहे, बाजार में हेरफेर को बढ़ावा दिया और नियमों को पूरा न करने वाली कंपनियों को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी, जिससे कॉरपोरेट धोखाधड़ी का रास्ता खुला।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि पुलिस और नियामक एजेंसियों से कई बार संपर्क करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों को देखने के बाद ACB वर्ली, मुंबई को IPC, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सेबी अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है।गौरतलब है कि माधबी पुरी बुच 2022 में सेबी की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं और हाल ही में उनका तीन साल का कार्यकाल समाप्त हुआ है। अमेरिका स्थित शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उन पर हितों के टकराव के गंभीर आरोप लगाए थे। विपक्षी दलों ने भी उनके कार्यकाल के दौरान कई बार सवाल उठाए। उनकी जगह अब तुहिन कांत पांडे को नया सेबी प्रमुख नियुक्त किया गया है।