Varanasi : बीते दिनों चेतावनी बिंदु को छू चुकी Ganga अब शांत हो रही हैं, लेकिन पीछे छोड़ गई हैं गाद, कीचड़ और सिल्ट से भरे घाट। बुधवार की सुबह गंगा का जलस्तर 68.92 मीटर दर्ज किया गया, जिसमें तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरावट आ रही थी। जलस्तर घटने के साथ ही घाटों पर जमा सिल्ट और कीचड़ ने प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है।

Ganga के उफान से बीते सप्ताह घाटों और आसपास की कॉलोनियों में पानी भर गया था। कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। अब जबकि Ganga का जलस्तर कम हो रहा है, घाटों की असल स्थिति सामने आने लगी है। जगह-जगह फैली सिल्ट और कीचड़ से श्रद्धालुओं को घाटों पर पहुंचने में परेशानी हो रही है। श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं, लेकिन कीचड़ में फिसलने और गिरने का खतरा बना हुआ है।

इन्हीं दुश्वारियों को देखते हुए नगर निगम ने घाटों पर विशेष सफाई अभियान शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा ध्यान अस्सी घाट पर दिया जा रहा है, जो Ganga आरती और पर्यटकों के लिए प्रमुख स्थल है। यहां नगर निगम ने 11 सफाईकर्मियों की टीम तैनात की है, जिसमें 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं।

सफाईकर्मी झाड़ू, पंप और फावड़ों की मदद से सिल्ट हटाने में लगे हुए हैं। कई स्थानों पर वे हाथों से भी मिट्टी हटाकर घाट को समतल और सुरक्षित बना रहे हैं। अस्सी घाट की गली में Ganga के पानी उतरने के बाद काफी मात्रा में सिल्ट जमा हो गया था, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो गया था।

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में घाटों की पूरी सफाई कर ली जाएगी ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो और घाट एक बार फिर अपनी पारंपरिक छवि में लौट सकें। प्रशासन ने अपील की है कि जब तक सफाई कार्य पूरा नहीं हो जाता, लोग सतर्कता से घाटों का उपयोग करें।
