गाजीपुर I गाजीपुर जेल (Ghazipur Jail) से मुकदमे के गवाह को मोबाइल कॉल कर पैसे का लालच देने के मामले में जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह को शासन ने मंगलवार को निलंबित कर दिया। उनकी जगह मऊ के जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला को गाजीपुर जेल की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब शुक्ला दोनों जेलों का प्रभार संभालेंगे।
मामले में हुई कार्रवाई
डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने अधीक्षक के निलंबन की संस्तुति शासन से की थी। इससे पहले, सोमवार को जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को भी निलंबित कर दिया गया था। गाजीपुर जेल में बंदी विनोद गुप्ता ने चार मार्च को मुकदमे के गवाह को मोबाइल से कॉल कर पैसे का प्रलोभन दिया था, जिसकी शिकायत गवाह ने डीआईजी जेल से की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
Ghazipur Jail में बढ़ी सख्ती
केंद्रीय कारागार से आए जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा ने चार्ज संभालने के बाद सभी बैरकों में सघन तलाशी कराई। संदिग्ध बंदियों से पूछताछ कर उन्हें जेल में अनुशासन का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई।
VIP ट्रीटमेंट का खुलासा
जांच में सामने आया है कि Ghazipur Jail में कई कैदियों को VIP सुविधाएं दी जा रही थीं। रकम लेकर उन्हें विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थीं। जिला और जेल प्रशासन की जांच के आधार पर कुछ और जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
