Global Economy: भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवंबर 24 – जनवरी 25 के दौरान भारत में अनिवाशी जमा राशि में लगभग 150 करोड़ डॉलर की कमी आई है l परंपरागत तौर पर यह देखा गया है कि जब भारतीय मुद्रा कमजोर होती है तो Non Resident External Rupee Account में विदेशों से ज्यादा धन आता है l
मिथिलेश कुमार पाण्डेय (लेखक पूर्व सहायक महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा एवं आर्थिक विश्लेषक हैं )
पिछले वर्ष 2024 की शुरुआत में रुपया 83.19 प्रति डॉलर था, अक्टूबर के मध्य में रुपया 84 प्रति डॉलर के स्तर पर था जो दिसम्बर के अंत में 85.73 के निचले स्तर तक पहुँच गया l हालांकि अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में रुपये में मजबूती देखी गई l जापानी येन की तुलना में रुपया 8.7% मजबूत हुआ और यूरो की तुलना में 5% मजबूत हुआ l रिजर्व बैंक के आँकड़े के अनुसार अनिवाशी जमा की तुलनात्मक स्थिति निम्नवत रही :
जमा
अक्टूबर 24
जनवरी 25
FCNR(B)
3180 करोड़ डालर
3280 करोड़ डॉलर
NRE RA
10090 करोड़ डालर(के बराबर)
9850 करोड़ डालर (के बराबर)
NRO
2990 करोड़ डालर (के बराबर)
2990 करोड़ डालर (के बराबर)
योगफल
16260 करोड़ डालर
16120 करोड़ डालर

ध्यान रहे कि उपरोक्त 3 तरह के खाते अनिवाशी भारतीय बैंक में खोल सकते हैं l FCNR (B) खाते में बचत की राशि विदेशी मुद्रा ( USD, GBP, EUR, JPY) में रहती है और परिपक्वता पर विदेशी मुद्रा में ही वापस लिया जा सकता है l इस मामले में जमाकर्ता मुद्रा विनिमय दर के प्रभाव से सुरक्षित रहता है l इस खाते से प्राप्त आय करमुक्त होता है l अतः सामान्य तौर पर इस योजना में वही रकम जमा की जाती है जिसे वापस विदेश में ही ले जाना होता है l उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि FCNR (B) की राशि में वृद्धि हुई है l
NRE RA खाते में जमा राशि भारतीय मुद्रा में रहती है l जब भारतीय मुद्रा कमजोर होती है तो विदेशी (Global) मुद्रा के बदले ज्यादा भारतीय मुद्रा मिलती है और उस समय अनिवाशी भारतीय अपने देश में ज्यादा रकम भेजना पसंद करते हैं l इस खाते में जमा राशि सामान्यतः भारत में ही खर्च/ निवेश के लिए होता है l इस खाते से प्राप्त आय करमुक्त होता है l इस रकम को वापस विदेश में ले जाने के समय विनिमय जोखिम खाता धारक का होता है l उल्लेखनीय है कि इसी खाते के रकम में कमी आई है जो इस चर्चा का विषय है l
NRO खाता अनिवाशी भारतीयों के स्थानीय आमदनी को जमा रखने के लिए होता है l ये खाते भारत के कर नियमों के अधीन होते हैं l इस राशि को भारत में खर्च/निवेश किया जा सकता है l इसे विदेश में ले जाने के लिए भारत के कर की व्यवस्था के अनुसार कर की अदायगी करके रिजर्व बैंक के FEMA के प्रावधानों को पूरा करना होता है l
भारतीय रिजर्व बैंक के डाटा के अनुसार नवंबर 24 से जनवरी 25 के दौरान NRE RA खातों में लगभग 240 करोड़ डॉलर के समतुल्य कमी आई है जबकि इस दौरान रुपया 3.3% कमजोर हुआ है l उपरोक्त 3 महीनों में अनिवाशी खातों में कुल अंतरप्रवाह लगभग 240 करोड़ डालर रहा जबकि वर्तमान वित्तवर्ष के 7 महीनों में यह राशि लगभग 1190 करोड़ डॉलर थी l हो सकता है कि विदेशों में रोजगार के अवसर कम हुए हों या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता के कारण बचत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हो l
तेल की कीमतों में कमी की वजह से खाड़ी के देशों में नौकरी की स्थिति कमजोर हुई है और बचत करना मुश्किल हो रहा होगा l अमेरिका में सत्ता के बदलने से वैश्विक (Global) स्तर पर आर्थिक उथल पुथल की प्रबल संभावना बतायी जा रही है जिसका भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की भरपूर संभावना है l
