केंद्र सरकार ने GPF पर ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव: कर्मचारियों को तगड़ा झटका

नई दिल्ली I केंद्र सरकार ने ‘एक जनवरी से 31 मार्च’ 2025 की तिमाही के लिए सामान्य भविष्य निधि (GPF) पर मिलने वाले ब्याज की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में ब्याज दर को 7.1 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। पिछले छह वर्षों से यह दर जस की तस बनी हुई है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को गहरी निराशा हुई है।


ब्याज दर में बदलाव की उम्मीद पर पानी
केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि नव वर्ष में GPF की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, सरकार ने ब्याज दरों को स्थिर रखते हुए किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है। इससे पहले ‘एक अक्तूबर से 31 दिसंबर’ 2024 की तिमाही में भी ब्याज दर 7.1 प्रतिशत पर ही थी।


कोरोना काल से स्थिर हैं दरें
कोरोना महामारी के दौरान भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। वर्ष 2021-22 में भी यह दर 7.1 प्रतिशत पर बनी रही थी, जबकि उस समय महंगाई भत्ता 18 महीनों के लिए रोक दिया गया था। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


किन विभागों पर लागू होती हैं ये दरें
जीपीएफ की यह ब्याज दर केंद्रीय सेवाओं, अंशदायी भविष्य निधि, अखिल भारतीय सेवा भविष्य निधि, राज्य रेलवे भविष्य निधि, रक्षा सेवा अधिकारी भविष्य निधि और सशस्त्र सेना कार्मिक भविष्य निधि समेत कई विभागों पर लागू होती है। GPF खातों में बैंकों के मुकाबले अधिक ब्याज मिलता है, इसलिए कर्मचारी इसमें निवेश को प्राथमिकता देते हैं।


वार्षिक योगदान की सीमा 5 लाख रुपये
केंद्र सरकार ने तीन साल पहले GPF में वार्षिक योगदान की सीमा 5 लाख रुपये तय की थी। कर्मचारी GPF में जमा राशि का 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं, जिसका उपयोग बच्चों की शिक्षा, शादी, मकान खरीदने या लोन चुकाने जैसे कामों में किया जा सकता है।

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