Varanasi : वाराणसी की दालमंडी गली में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण के चलते जिन दुकानों और मकानों पर खतरा मंडरा रहा था, उन्हें राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है और राज्य सरकार व जिला प्रशासन से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
यह अंतरिम आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शाहनवाज खान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सरकार केस की सुनवाई के दौरान दिया।
189 मकानों और 1400 दुकानों पर संकट की तलवार टली
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत कुल 189 भवनों को तोड़े जाने की बात सामने आई थी, जिनमें करीब 1400 से 1500 दुकानें चल रही हैं। इस योजना का स्थानीय व्यापारियों ने लंबे समय से विरोध किया है। हाईकोर्ट (HC) के इस आदेश से इन दुकानदारों को बड़ी राहत मिल सकती है।
कोर्ट में उठाया गया भय का मुद्दा
शाहनवाज खान द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि सरकार बिना उचित मुआवजा दिए और बिना स्पष्ट जानकारी के लोगों में डर का माहौल बना रही है। इस डर से व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसी तरह की आशंकाएं अन्य याचिकाकर्ताओं—सैयद जाकिर हुसैन, मुन्ने आदि—ने भी अपनी याचिकाओं में जताई थीं।
कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अगले आदेश तक किसी प्रकार का निर्माण कार्य, चौड़ीकरण या ध्वस्तीकरण नहीं किया जाएगा।

सरकार बताएगी – मिलेगा मुआवजा या नहीं?
याचिकाकर्ता शाहनवाज खान का कहना है कि शहरी इलाकों में खतौनी (भूमि रिकॉर्ड) नहीं होती, बल्कि नगर निगम का पीला टैक्स कार्ड ही संपत्ति स्वामित्व का आधार होता है।
PWD ने कहा है कि वह केवल इमारत के ढांचे का मुआवजा देगा, जमीन का नहीं—क्योंकि उसके पास खतौनी नहीं है।
अब कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है:
- कितना मुआवजा मिलेगा?
- सर्किल रेट क्या होगा?
- क्या बिना खतौनी के मुआवजा नहीं मिलेगा?
सरकार को 20 मई तक इस पर जवाब देना है।
दालमंडी प्रोजेक्ट: मॉडल रोड के नाम पर करोड़ों का प्लान
सरकार की योजना है कि विश्वनाथ कॉरिडोर से सिर्फ 100 मीटर दूर स्थित दालमंडी गली को चौड़ाकर उसे मॉडल सड़क बनाया जाए। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन इस परियोजना के लिए 2 करोड़ रुपये रिलीज भी कर दिए गए।
इसके बाद PWD ने 17.5 मीटर चौड़ी सड़क के लिए मकानों की माप-जोख शुरू कर दी। लेकिन इसी के साथ दालमंडी के दुकानदारों ने इस योजना का पुरजोर विरोध शुरू कर दिया।
सिर्फ दुकानें नहीं, 6 मस्जिदें भी आ रहीं हैं निशाने पर
इस परियोजना में दालमंडी की 6 मस्जिदें भी तोड़े जाने की योजना में हैं। इनमें:
- हाफिज खुदा बक्श जायसी मस्जिद
- निसारन मस्जिद
- रंगीले शाह मस्जिद
- अली रजा मस्जिद
- संगमरमर मस्जिद
- मिर्जा करीमुल्ला बैग मस्जिद
इन मस्जिदों के मुतवल्लियों ने भी हाईकोर्ट (HC) के आदेश का स्वागत किया और चौड़ीकरण को अनुचित बताया है।
