प्रयागराज। माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई एक बार फिर स्थगित हो गई। अदालत में सुनवाई न हो पाने के कारण अब यह मामला 18 दिसंबर को सूचीबद्ध किया गया है। इससे पूर्व, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में अपना पक्ष प्रस्तुत किया था।
जेल में नियमों के उल्लंघन के आरोप
चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान अब्बास अंसारी पर जेल कर्मचारियों को धमकाने और नियमों का उल्लंघन कर अवैध मुलाकात करने के आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों के आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले को लेकर अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर को हाईकोर्ट को चार सप्ताह के भीतर उनकी जमानत याचिका पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था, लेकिन यह मामला अब भी लंबित है।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मिली थी जमानत
अक्टूबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब्बास अंसारी को जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया था कि आरोपी पर ऐसी शर्तें लगाई जाएं ताकि वह गवाहों को प्रभावित न कर सके और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ न हो। ईडी ने पीएमएलए के तहत जांच तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।
पहली एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि एक निर्माण कंपनी ने सरकारी रिकॉर्ड में हेरफेर कर सार्वजनिक संपत्ति पर अवैध कब्जा किया। दूसरी एफआईआर में कहा गया था कि मुख्तार अंसारी ने विधायक निधि से स्कूल निर्माण के लिए धन लिया, लेकिन स्कूल का निर्माण नहीं हुआ और जमीन का उपयोग कृषि कार्यों के लिए किया गया।
गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामला
चित्रकूट के कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को अब्बास अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब्बास के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने सरकार के जवाब पर अपना रेज्वाइंडर दाखिल कर दिया है। सभी पक्षों की दलीलें दर्ज की जा चुकी हैं, और अगली सुनवाई में अंतिम बहस होने की संभावना है।