Varanasi : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ स्थित महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस (Hindi Journalism Day) के अवसर पर शुक्रवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था— “वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी पत्रकारिता का मूल्य एवं अवदान”, जिसमें देशभर के प्रख्यात विद्वानों, पत्रकारिता शिक्षकों और शोधार्थियों ने भाग लिया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के मापदंड लगातार बदलते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में कुछ वर्ग पत्रकारिता का दुरुपयोग कर समाज और राष्ट्र के विरुद्ध काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सब लोग झूठ बोलने लगते हैं तो सच बोलना खतरनाक हो जाता है। काशी को सत्य की भूमि बताते हुए उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे बिना डर के, निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता करें।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. राघवेंद्र मिश्र, अध्यक्ष, पत्रकारिता विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक ने हिन्दी पत्रकारिता के ऐतिहासिक विकास पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी पत्रकारिता हमें भारतीयता से जोड़ती है और भावनात्मक रूप से एकजुट करती है। उन्होंने 1826 में पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित भारत के पहले हिन्दी समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि आज 43 से अधिक देशों में हिन्दी पत्रकारिता सक्रिय है।

मुख्य वक्ता प्रो. गोपाल सिंह, संकायाध्यक्ष, स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने पत्रकारिता में नैतिक गिरावट और बाज़ारीकरण पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि पत्रकारिता अब लाभ आधारित उद्योग बनती जा रही है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले इस पेशे को अपनी गरिमा बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को केवल सनसनी नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्रहित का मार्गदर्शक बनना चाहिए।

संगोष्ठी का स्वागत भाषण महामना हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. नागेन्द्र कुमार सिंह ने दिया। बीज वक्तव्य डॉ. विनोद कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रभा शंकर मिश्र ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह द्वारा किया गया।

इस अवसर पर डॉ. संजय सिंह गौतम, डॉ. दयानन्द, डॉ. संतोष मिश्र, डॉ. नागेन्द्र पाठक, डॉ. जय प्रकाश श्रीवास्तव, डॉ. मनोहर लाल, डॉ. श्रीराम त्रिपाठी, डॉ. रमेश सिंह, डॉ. अमित सिंह, डॉ. सरिता राव, डॉ. वैष्णवी शुक्ला, डॉ. चंद्रशील पांडेय, डॉ. अजय वर्मा, अनिरुद्ध पांडेय, शैलेश चौरसिया, गुरुप्रकाश सिंह, देवेन्द्र गिरि, छात्र प्रतिनिधि मानवेंद्र, श्रेया, सुहानी, प्रगति, जय कृष्णा, संतोष, गौरव आदि उपस्थित रहे।

