Varanasi : इस वर्ष होली उत्सव 2025 (Holika Dahan) के दौरान मसाने की होली को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मणिकर्णिका घाट पर होने वाली चिता भस्म की होली (Chita Bhasm Holi) की अनूठी परंपरा को लेकर अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं। इसी बीच, पांडेयपुर में आयोजित होलिका दहन में एक श्मशान घाट का दृश्य तैयार किया गया, जिसमें जलती चिताओं, कांधे पर अर्थी और श्मशान के प्रतीकात्मक चित्रण ने लोगों का ध्यान खींचा।

आयोजकों का कहना है कि यदि मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर मसाने की होली को रोकने का प्रयास किया गया, तो वे यहीं चिता भस्म की होली खेलेंगे। काशी की यह परंपरा सदियों पुरानी है और यह दुनिया भर में अपनी अनोखी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान रखती है।

जहां मथुरा में लट्ठमार होली प्रसिद्ध है, वहीं काशी में श्मशान की होली को विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। इस अनूठी परंपरा के तहत मणिकर्णिका घाट पर जलती चिताओं के बीच भस्म से होली खेली जाती है, जिसे देखने और खेलने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक काशी आते हैं।
