IIT BHU Cafeteria 2025: नव-निर्मित कैफेटेरिया का लोकार्पण, एक साथ जुड़ेंगे दस हज़ार से अधिक छात्र और स्टाफ

वाराणसी I देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में शुमार आईआईटी (बीएचयू) में IIT BHU cafeteria 2025 परियोजना के तहत नवनिर्मित आधुनिक कैफेटेरिया का लोकार्पण रविवार को किया गया। इस अत्याधुनिक कैफेटेरिया से दस हज़ार से अधिक छात्रों और स्टाफ को लाभ मिलेगा, जो न केवल भोजन स्थल बल्कि संवाद और नवाचार का नया केंद्र बनेगा।

इस IIT BHU cafeteria 2025 परियोजना का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया। कार्यक्रम में डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो. एन.के. मुखोपाध्याय, डीन स्टूडेंट्स अफेयर्स प्रो. राजेश कुमार, प्रो. इंचार्ज प्रो. रंजीत महंती, चेयरमैन IWD प्रो. एस.बी. द्विवेदी, प्रोफेसर राकेश कुमार सिंह (चेयरमैन काउंसिल ऑफ वॉर्डन), चीफ प्रॉक्टर प्रो. संजय सिंह समेत कई अन्य अधिकारी और छात्र उपस्थित रहे।

सुविधाओं में आधुनिकता और आत्मविकास का समावेश

IIT BHU cafeteria 2025 के समन्वयक प्रो. अमित त्यागी ने जानकारी दी कि यह परियोजना संस्थान के छात्रों और स्टाफ के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इसमें किफायती दरों पर कई तरह के भोजन उपलब्ध कराए गए हैं। छात्रों की सुविधा के लिए इसे वातानुकूलित, आरामदायक और बैठने के लिए पर्याप्त जगह के साथ तैयार किया गया है।

एक विशेष आकर्षण ‘रीडिंग कॉर्नर’ है, जहाँ प्रेरणादायक और आत्म-विकास पर केंद्रित पुस्तकें उपलब्ध हैं। छात्र इसमें पुस्तक दान भी कर सकते हैं, जिससे शेयरिंग कल्चर और नॉलेज एक्सचेंज को बढ़ावा मिलेगा।

कैफेटेरिया से बढ़ेगा संवाद और सामूहिकता

निदेशक प्रो. पात्रा ने IIT BHU cafeteria 2025 के लोकार्पण पर कहा, यह केवल भोजन का स्थान नहीं बल्कि विचारों और संवाद का केंद्र है। ऐसी साझा जगहें हमारे कैंपस की अकादमिक संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक ले जाती हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थान शोधार्थियों, छात्रों और प्रोफेसरों के बीच सकारात्मक संवाद और सामुदायिक भावना को मजबूत करेगा। यह कैफेटेरिया आईआईटी (बीएचयू) के सभी सदस्यों के लिए न केवल विश्राम का केंद्र बनेगा, बल्कि नवाचार और सहयोग का मंच भी बनेगा I

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संस्थान की दृष्टि का प्रतिबिंब है यह परियोजना

IIT BHU cafeteria 2025 परियोजना को संस्थान की समावेशी और छात्र-केंद्रित दृष्टि का हिस्सा माना जा रहा है। डीन, प्रॉक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने इसे छात्र जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम कदम बताया।

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