वाराणसी I IIT (BHU) के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने एक उन्नत तकनीक विकसित की है, जो ब्लॉकचेन और मशीन लर्निंग का उपयोग करके आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करती है। यह तकनीक वायर्डलेस बॉडी एरिया नेटवर्क्स (WBANs) पर आधारित है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य की वास्तविक समय में निगरानी करती है।
तकनीक की कार्यप्रणाली
यह तकनीक सेंसर का उपयोग करती है, जो व्यक्ति के शरीर से जुड़े रहते हैं और मोबाइल फोन से ब्लूटूथ के माध्यम से कनेक्ट होते हैं। किसी भी आपात स्थिति, जैसे उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा या अन्य गंभीर स्थितियों में, यह सेंसर मोबाइल फोन को अलर्ट भेजते हैं। इसके अलावा, ब्लॉकचेन तकनीक इस अलर्ट को परिवार के सदस्यों और नजदीकी अस्पतालों तक सुरक्षित रूप से पहुंचाती है।
शोधकर्ताओं का योगदान
इस परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता, सहायक प्रोफेसर डॉ. अजय प्रताप ने बताया कि यह तकनीक स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति ला सकती है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली न केवल गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि डेटा के विकेंद्रीकृत विश्लेषण की भी अनुमति देती है।
ऊर्जा दक्षता और स्वास्थ्य सेवा का विस्तार
यह समाधान ऊर्जा कुशल है, जिससे यह सीमित संसाधन वाले क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से काम करता है। यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की खाई को कम करने का प्रयास है। यह तकनीक आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों के उद्देश्यों से मेल खाती है और भारत के सतत विकास लक्ष्यों को भी बढ़ावा देती है।

शोध और नवाचार
यह शोध “Energy-Efficient and Privacy-Preserving Blockchain-Based Federated Learning for Smart Healthcare Systems” शीर्षक के तहत प्रकाशित हुआ है। इसे डॉ. अजय प्रताप और उनके पीएच.डी. छात्रों, मोइरांगथेम बीकन सिंह और हिमांशु सिंह ने लिखा है। उल्लेखनीय है कि इस टीम को इस नवाचार के लिए भारतीय पेटेंट (पेटेंट नंबर 557449) भी प्राप्त हुआ है।
प्रशंसा और भविष्य की संभावनाएं
IIT (BHU) के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने इस शोध के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह तकनीक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA) प्रणाली को सशक्त बनाएगी और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाएगी।