Varanasi : भारतीय पारंपरिक औषधीय ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से हर्बल और न्यूट्रास्यूटिकल उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दिशा में आईआईटी (IIT BHU) और वीसीए हेल्थकेयर प्रा. लि.(VCA Healthcare Pvt. Ltd.), अलवर के बीच गुरुवार को एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए।

इस साझेदारी का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण, वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हर्बल उत्पादों का अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक व्यावसायीकरण सुनिश्चित करना है। एमओयू पर वीसीए हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक(Research & Development) डॉ. वी. के. त्रिपाठी और आईआईटी (बीएचयू) के अधिष्ठाता (शोध एवं विकास) प्रो. राजेश कुमार ने हस्ताक्षर किए।

एमओयू के अंतर्गत:
- संयुक्त शोध परियोजनाओं का संचालन
- नवाचार आधारित उत्पाद विकास
- शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग
- वैश्विक बाजार में हर्बल उत्पादों की पहुंच का विस्तार जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि यह साझेदारी पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक अनुसंधान के समन्वय का श्रेष्ठ उदाहरण है, जो प्रमाण-आधारित हर्बल समाधानों को वैश्विक मंच पर स्थापित करेगी।

आईआईटी (BHU) के फार्मास्युटिकल इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. साईराम कृष्णमूर्ति ने इसे संस्थान के अनुसंधान को उद्योग से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रेयांश जैन ने बताया कि साझेदारी के तहत अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हर्बल एक्सट्रैक्ट्स और फाइटो-इंग्रेडिएंट्स का उत्पादन किया जाएगा, जो गुणवत्ता, स्थायित्व और सुरक्षा के सभी मानकों पर खरे उतरेंगे।
