वाराणसी। संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव बहुत ही रोमांचक रहा। इस चुनाव पर पूरे विश्व की नजर रही। डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति प्रत्याशी कमला हैरिस को भरतीय समुदाय को समर्थन मिलते दिखा। साथ ही भारत में भी उनके समर्थक उत्साहित दिखे। दूसरी तरफ रिपब्लिक पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका में प्रभावशाली समर्थन देखे गये। कारण था ट्रम्प द्वारा अमेरिका को प्राथमिकता देना। विश्व के कई क्षेत्रों में भी ट्रम्प के समर्थक देखे गये। कारण था ट्रम्प एकबार अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अन्ततः चुनाव परिणाम में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए गए। हालांकि वह 2025 में कार्यभार ग्रहण करेंगे।
अब प्रश्न उठता है कि ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर भारत के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा। ट्रम्प के पहले कार्यकाल में कुलमिलाकर भारत के साथ अच्छे सम्बन्ध थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी अच्छी दोस्ती रही है। इस लिए माना जा रहा है कि अमेरिका में ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर भारत से सम्बंध मधुर ही होंगे। फिर भी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की तरफ भरतीय समुदाय के झुकाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसका असर भी ट्रम्प पर पड़ सकता है। वैसे ट्रम्प का आना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उम्मीद है कि सम्बन्ध अच्छे रहेंगे क्योंकि दक्षिण एशिया की राजनीति में भारत ट्रम्प के लिए फायदेमंद होगा। साथ ही ट्रम्प के लिए चीन को साधना भी आसान होगा।
ट्रम्प का आना भारत के लिए कितना असरदार
–ट्रंप की जीत से भारत के शेयर बाजार में बढ़त जारी है। उम्मीद है कि बाजार में तेजी आएगी। इस बढ़त का कारण विदेशी निवेश की स्थिति में सुधार और पूंजी प्रवाह में वृद्धि की संभावना है। वहीं भारत को कुछ नुकसान भी झेलने को मिल सकते हैं।
–भारत का अमेरिका से ज्यादा विदेशी व्यापार होता रहा है।व्यापारिक दृष्टि से भारत अमेरिका के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण है। भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है।
–ट्रंप की ईंधन नीतियों के कारण ऊर्जा लागत कम हो सकती है। इससे एचपीसीएल, बीपीसीएल, आईओसी जैसी भारतीय तेल कंपनियों के साथ ही आईजीएल व एमजीएल जैसी गैस वितरण कंपनियों को फायदा हो सकता है।
— विनिर्माण और सुरक्षा क्षेत्र में तेजी आ सकती है। अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग और सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने पर उनका ध्यान भारतीय रक्षा कंपनियों के लिए बेहतर हो सकता है।
–ट्रंप का जोर अमेरिका के औद्योगिक विकास पर रहता है है। ऐसे में दोनों देशों में काम करने वाली कंपनियों को लाभ हो सकता है। इनमें एबीबी, सीमेंस, कमिंस, हनीवेल, जीई टीएंडडी और हिताची एनर्जी शामिल हैं।
–ट्रंप के नेतृत्व में कारोबारी माहौल में सुधार हो सकता है। इससे संभावित रूप से कॉर्पोरेट टैक्स में कमी आ सकती है। वहीं व्यापार-अनुकूल नीतियों के माध्यम से भारतीय शेयर मार्केट में भी तेजी आ सकती है।
–ट्रंप की आर्थिक नीतियों से अमेरिकी डॉलर में मजबूती व रुपये में गिरावट आ सकती है। भारत को अमेरिका से आयात महंगा हो सकता है।
–वीजा को लेकर भी भारतीयों के लिए परेशानी हो सकती है। ट्रंप ने पिछली बार H-1B वीजा पर बैन लगा दिया था। इससे अमेरिका में मौजूद भारतीय आईटी कंपनियां बहुत ज्यादा प्रभावित हुई थीं।
–अमेरिका भारत पर मल्टी-ब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाने का दबाव बना सकता है।
— ट्रम्प की वापसी से क्रिप्टोकरेंसी पर नियमों में बदलाव आ सकता है।
–लैपटॉप आयात पर नए नियम बनाए जा सकते हैं।