India 16th Census: केंद्र सरकार ने देश की अगली जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब जनगणना वर्ष 2027 में दो चरणों में कराई जाएगी, जिसमें पहली बार जातिगत गणना भी शामिल की जाएगी। इस संबंध में केंद्र सरकार ने राजपत्र अधिसूचना भी जारी कर दी है। जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिसके लिए 16 भाषाओं में मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने की तैयारियों की समीक्षा
रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना (India 16th Census) की तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में गृह सचिव गोविंद मोहन, महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। गृह मंत्री ने कहा कि 16वीं जनगणना में जातिगत आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। इसके लिए 34 लाख गणक और सुपरवाइजर तथा 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक डिजिटल उपकरणों से सुसज्जित होंगे।
16th Census दो चरणों में होगी।
- पहला चरण: मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना (House Listing Operation) में हर परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं से जुड़ा डाटा जुटाया जाएगा।
- दूसरा चरण: जनसंख्या गणना के तहत प्रत्येक नागरिक की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व जनसांख्यिकीय जानकारी एकत्र की जाएगी।
कब और कहाँ से शुरू होगी गणना?
16th Census और जातिगत गणना जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी, जबकि शेष भारत में यह कार्य 1 मार्च 2027 से आरंभ होगा।
डिजिटल माध्यम से होगी गणना, मिलेगा स्व-गणना विकल्प
इस बार जनगणना मोबाइल एप के जरिये डिजिटल रूप में होगी। नागरिकों को स्व-गणना (Self Enumeration) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। डाटा संग्रहण, प्रसंस्करण और संग्रह के दौरान सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
2011 के बाद पहली जनगणना
गौरतलब है कि भारत में पिछली जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना स्थगित हो गई थी। अब यह (16th Census) 16 वर्षों बाद आयोजित होने जा रही है, जो स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना होगी।
