INDIA Alliance: चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप, विपक्ष ने की महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, महाभियोग प्रस्ताव क्या होता है?

INDIA Alliance: भारतीय चुनाव आयोग और विपक्षी दलों के बीच विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया है। विपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है, जिसके लिए बैठकों में चर्चा भी शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही, INDIA गठबंधन के नेता सोमवार (18 अगस्त 2025) को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के नाम पर विचार-विमर्श करने वाले हैं।

वोट चोरी के आरोप और SIR विवाद

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (INDIA Alliance) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी वोट चोरी में शामिल है और चुनाव आयोग इसका साथ दे रहा है। बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से 65 लाख लोगों के नाम हटाए जाने के बाद यह विवाद और गहरा गया है। विपक्ष का कहना है कि यह कदम पात्र मतदाताओं को वोटिंग के अधिकार से वंचित करने की साजिश है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए चुनाव आयोग को हटाए गए नामों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था, जिसके बाद आयोग ने अपनी वेबसाइट पर इन नामों को अपलोड किया।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस

17 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने INDIA Alliance द्वारा लगाये गए वोट चोरी के आरोपों को सिरे से खारिज किया। आयोग ने कहा, “वोट चोरी का आरोप पूरी तरह झूठा और भ्रामक है। न तो हम डरते हैं और न ही मतदाता।” आयोग ने लोगों से अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने की अपील की। साथ ही, आयोग ने राहुल गांधी से उनके आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत और हलफनामा पेश करने को कहा था, जिसका जवाब राहुल ने यह कहकर दिया कि उन्होंने पहले ही संविधान की शपथ ली है।

महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी

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विपक्षी दलों (INDIA Alliance), खासकर कांग्रेस और INDIA गठबंधन, ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की रणनीति बनाई है। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर गहन चर्चा हो चुकी है, हालांकि अंतिम फैसला अभी बाकी है। विपक्ष का मानना है कि SIR और वोटर लिस्ट में हेरफेर के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की रेस

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, जो बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। दूसरी ओर, INDIA Alliance ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी नेता सोमवार शाम को फोन कॉल या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस पर चर्चा करेंगे और जल्द ही उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में SIR के तहत हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम और उनके हटाए जाने के कारणों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को संशोधित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट अपनी वेबसाइट पर अपलोड की, ताकि लोग अपने नाम की जांच कर सकें। आयोग ने यह भी कहा कि पात्र मतदाता 30 सितंबर तक अपने नाम जोड़ सकते हैं, और अंतिम मतदाता सूची 1 अक्टूबर को प्रकाशित होगी।

विपक्ष का अगला कदम

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विपक्ष (INDIA Alliance) ने इस मुद्दे को और तेज करने की योजना बनाई है। राहुल गांधी 17 अगस्त से बिहार के 23 जिलों में ‘वोट अधिकार यात्रा’ शुरू कर रहे हैं, जिसका मकसद वोटर लिस्ट में कथित हेरफेर के खिलाफ जागरूकता फैलाना है। विपक्ष का कहना है कि यह यात्रा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए है।

महाभियोग प्रस्ताव क्या होता है?

महाभियोग प्रस्ताव (Impeachment Motion) एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति, जैसे भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, या सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट के जज को उनके पद से हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया तब शुरू की जाती है, जब उस व्यक्ति पर गंभीर कदाचार, भ्रष्टाचार, या संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन जैसे आरोप लगते हैं।

महाभियोग की प्रक्रिया

  1. प्रस्ताव पेश करना: महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन (लोकसभा या राज्यसभा) में पेश किया जा सकता है। इसके लिए कम से कम 100 लोकसभा सांसदों या 50 राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं।
  2. जांच: प्रस्ताव स्वीकार होने पर एक जांच समिति बनाई जाती है, जो आरोपों की जांच करती है।
  3. वोटिंग: जांच के बाद प्रस्ताव को दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित करना होता है।
  4. अंतिम कदम: अगर प्रस्ताव दोनों सदनों में पास हो जाता है, तो संबंधित व्यक्ति को पद से हटा दिया जाता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त के मामले में, महाभियोग प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत शुरू किया जा सकता है, लेकिन यह एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है, जिसमें ठोस सबूतों की जरूरत होती है।

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विपक्ष (INDIA Alliance) का दावा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त पर वोटर लिस्ट में हेरफेर और पक्षपात के आरोप हैं, जिसके आधार पर महाभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है। हालांकि, इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए विपक्ष को संसद में मजबूत समर्थन और ठोस सबूतों की जरूरत होगी।

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