मद्रास I भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने रेलवे मंत्रालय के सहयोग से देश का पहला 422 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक विकसित किया है। इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से 350 किलोमीटर की दूरी केवल 30 मिनट में तय की जा सकती है।
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की। उन्होंने कहा कि “भविष्य के यातायात को लेकर सरकार और शिक्षा जगत का सहयोग इनोवेशन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है।”

हाइपरलूप: हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट का भविष्य
हाइपरलूप को परिवहन का पांचवां मोड कहा जाता है। यह एक हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जो लंबी दूरी तय करने के लिए विशेष कैप्सूल और वैक्यूम ट्यूब का उपयोग करता है। इसमें एक विद्युत चुम्बकीय रूप से तैरने वाला पॉड वैक्यूम ट्यूब में चलता है, जिससे घर्षण और वायु अवरोध खत्म हो जाता है। इससे पॉड मैक 1.0 (ध्वनि की गति) तक की रफ्तार से चलने में सक्षम हो जाता है।

सरकार के अनुसार, हाइपरलूप तकनीक मौसम से प्रभावित नहीं होगी, इसमें टकराव की संभावना नहीं होगी और यह कम ऊर्जा खपत के साथ 24 घंटे संचालित की जा सकेगी। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो भारत में परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
