भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों पर जताई नाराजगी, भारतीय कंपनियों को निर्यात नियमों पर जागरूक करने के प्रयास

नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा हाल ही में कई भारतीय कंपनियों और नागरिकों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भारत ने शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत इस मामले को लेकर अमेरिका के संपर्क में है और अपने राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन न करने वाली कंपनियों की स्थिति स्पष्ट कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत अपने सभी प्रासंगिक विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को निर्यात नियंत्रण नियमों के प्रति जागरूक बनाने के लिए सक्रिय है।

रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत के पास एक सशक्त रणनीतिक व्यापार और अप्रसार नियंत्रण प्रणाली है और वह वासेनार व्यवस्था, ऑस्ट्रेलिया समूह, और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) जैसी प्रमुख बहुपक्षीय अप्रसार व्यवस्थाओं का सदस्य है। हम यूएनएससी के अप्रसार प्रतिबंधों और प्रस्ताव 1540 को भी प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां अपने राष्ट्रीय कानूनों का पूरी तरह से पालन करती हैं और उनकी लेनदेन गतिविधियों में कोई गड़बड़ी नहीं है। इसके बावजूद, भारत अपनी स्थापित अप्रसार साख को बनाए रखते हुए, सभी संबंधित कंपनियों को निर्यात नियंत्रण नियमों के बारे में आवश्यक जानकारी दे रहा है ताकि भविष्य में इस प्रकार की चुनौतियों से बचा जा सके।

रूस को तकनीकी सहायता देने का आरोप

अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों और दो नागरिकों पर आरोप लगाते हुए उन्हें प्रतिबंधित सूची में डाला है, जिसमें कुल 400 कंपनियों और व्यक्तियों को शामिल किया गया है। आरोप है कि इन कंपनियों ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस को सामग्री और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई। यह कार्रवाई उस समय हुई है जब सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक की संलिप्तता के आरोपों ने पहले से तनावपूर्ण भारत-अमेरिका संबंधों को और जटिल बना दिया है। अमेरिका ने इस मामले में भारत से पारदर्शिता की उम्मीद जताई है और कहा है कि वह जब तक पूरी तरह संतुष्ट नहीं होगा, तब तक इस मुद्दे को सुलझा हुआ नहीं मान सकता।

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