भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के दूसरे बिंदु पर सत्यापन गश्त शुरू की

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ गतिरोध वाले दूसरे बिंदु, देपसांग में सत्यापन गश्त (वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग) शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले दो बिंदुओं, डेमचोक और देपसांग से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के एक दिन बाद शुक्रवार (1 नवंबर 2024) को डेमचोक में गश्त फिर से शुरू की गई है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सैनिकों की वापसी के बाद डेमचोक और देपसांग में पारस्परिक सहमति पर आधारित सत्यापन गश्त आरंभ की गई है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के सैनिकों ने टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद, बृहस्पतिवार को दिवाली के अवसर पर एलएसी पर मिठाइयां भी बांटी थीं।

सैनिकों की तैनाती और गश्त को अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के अनुरूप करने की संभावना है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ है, जो 2020 की सैन्य झड़प के कारण उत्पन्न गतिरोध का समाधान करने में सहायक होगा।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों की वापसी के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से यह गतिरोध बना हुआ था, जिससे भारत-चीन संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे।

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