Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली छूट समाप्त करने से रेलवे को 9000 करोड़ की बचत

New Delhi : भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने वरिष्ठ नागरिकों और ट्रांसजेंडर यात्रियों को मिलने वाली रियायतों को बंद कर 8,913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। यह खुलासा एक सूचना का अधिकार (RTI) आवेदन के जवाब में हुआ है, जिसे मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौर ने मार्च 2025 में दाखिल किया था।

कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान 20 मार्च 2020 से भारतीय रेल (Indian Railway) ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली किराया रियायत अस्थायी रूप से बंद कर दी थी, जिसे अब तक बहाल नहीं किया गया है।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now
Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली छूट समाप्त करने से रेलवे को 9000 करोड़ की बचत Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली छूट समाप्त करने से रेलवे को 9000 करोड़ की बचत

पूर्व में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को किराए में 40% की छूट,58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं को 50% की छूट और 60 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रांसजेंडर यात्रियों को भी 50% की छूट मिलती थी।

RTI के जवाब में रेलवे ने बताया कि 20 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2025 के बीच 18.3 करोड़ वरिष्ठ पुरुष यात्रियों से ₹11,531 करोड़,13.06 करोड़ वरिष्ठ महिलाएं यात्रियों से ₹8,599 करोड़ और 44 हजार वरिष्ठ ट्रांसजेंडर यात्रियों से ₹28.64 लाख किराया वसूला गया। यदि इन्हें पूर्व की तरह किराया छूट दी जाती, तो रेलवे को कुल ₹8,913 करोड़ का कम राजस्व प्राप्त होता।

वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली यह सुविधा रेलवे की एक दशक पुरानी सामाजिक कल्याण नीति(social welfare policy) का हिस्सा रही है। हालांकि, कोरोना के बाद इसे अस्थायी तौर पर बंद किया गया था, लेकिन अब तक इसे फिर से शुरू नहीं किया गया है। संसद में कई सांसदों द्वारा रियायत बहाली की मांग उठाई गई है। वरिष्ठ नागरिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी बार-बार सरकार से अपील की है,लेकिन अब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है।

Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली छूट समाप्त करने से रेलवे को 9000 करोड़ की बचत Indian Railway : वरिष्ठ नागरिकों को दी जानेवाली छूट समाप्त करने से रेलवे को 9000 करोड़ की बचत

रेलवे की इस नीति पर वरिष्ठ नागरिकों(senior citizens)में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों का कहना है कि वृद्धावस्था में यात्रा करना उनके लिए कठिन होता है और यह रियायत सिर्फ सुविधा नहीं, सम्मान का प्रतीक थी।

वरिष्ठ नागरिकों का सर्कार से प्रश्न :-

  • क्या सरकार को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत रियायत बहाल नहीं करनी चाहिए?
  • क्या राजस्व और कल्याण के बीच संतुलन संभव नहीं है?
  • क्या वरिष्ठ नागरिकों को अब आर्थिक बोझ समझा जा रहा है?

मुख्य बिंदु संक्षेप में :-

  • RTI से खुलासा: रियायत बंद कर रेलवे ने ₹8,913 करोड़ अतिरिक्त कमाए
  • 2020 से अब तक 31 करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने की रेल यात्रा
  • संसद और समाज में रियायत बहाली की मांग जारी
  • सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *