नई दिल्ली I भारतीय रुपये की हालत इन दिनों बेहद खराब है और यह अपने ऑलटाइम निचले स्तर पर पहुंच चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों के चलते डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर हो गया है। जैसे-जैसे अमेरिकी चुनाव के नतीजे साफ हो रहे हैं, डॉलर में मजबूती देखने को मिल रही है, जिसके कारण भारतीय रुपये में लगातार गिरावट आ रही है। बुधवार को रुपया 84.19 रुपये प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया।
रिजर्व बैंक से मदद की उम्मीद
रुपये की कमजोरी इतनी बढ़ चुकी है कि अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक को रुपये की गिरावट पर काबू पाने के लिए कदम उठाना होगा। डॉलर में मजबूती का असर भारतीय रुपये पर साफ तौर पर देखा जा रहा है और यह गिरावट लगातार जारी है।
अन्य एशियाई करेंसी भी कमजोर
भारतीय रुपये के साथ-साथ, अन्य एशियाई मुद्राओं में भी गिरावट देखी जा रही है। चाइनीज युआन, कोरियन वॉन, मलेशियाई रिंगिट और थाई करेंसी में 1 से 1.3 फीसदी तक गिरावट आई है। हालांकि, भारतीय रुपया इन मुद्राओं से बेहतर स्थिति में है, लेकिन घरेलू स्तर पर यह रिकॉर्ड लो स्तर पर पहुंच चुका है।

डॉलर इंडेक्स 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो 105.19 पर है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.44 फीसदी तक पहुंच गई है, जो 10 साल का उच्चतम स्तर है। यह बढ़ोतरी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के चलते डोनाल्ड ट्रंप की जीत की उम्मीदों के कारण हो रही है, जिससे निवेशकों में ट्रंप टेड्स की ओर रुचि बढ़ी है।