तेहरान I ईरान की सुप्रीम कोर्ट में हुई एक घातक गोलीबारी में शनिवार को दो वरिष्ठ जजों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य जज और एक बॉडीगार्ड घायल हो गए। हमलावर ने जजों को उनके कमरों में घुसकर गोली मारी और बाद में आत्महत्या कर ली।
घटना में मारे गए जजों की पहचान अली रजिनी और मोघीसेह के तौर पर की गई है। दोनों जज राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और जासूसी मामलों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ये दोनों जज अपने कड़े फैसलों के लिए प्रसिद्ध थे, विशेष रूप से मौत की सजा के मामलों में।
हमले में घायल जज का नाम हुसैन अली नायेरी बताया जा रहा है। हमले के मकसद का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर ईरान के न्याय विभाग का कर्मचारी था।
ईरान में दुनिया में सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी जाती है। 2024 में अब तक 901 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है, जिनमें 31 महिलाएं भी शामिल हैं। यूएन मानवाधिकारों के अनुसार, पिछले साल फांसी की सजा पाने वालों में अधिकतर लोग नशीली दवाओं और महसा अमीनी की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों से जुड़े थे। ईरान में 9 साल की बच्चियों को भी फांसी की सजा दी जा सकती है, जो कि संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के खिलाफ है।
