Israel-Iran Conflict: तेल की बढ़ती कीमतों से व्यापार मार्गों तक, भारत पर पश्चिम एशिया संकट का कितना प्रभाव?

Israel-Iran Conflict: इस्राइल और ईरान के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष मंगलवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे पर बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल हमले किए। इस्राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, सैन्य कमांडरों और हथियार डिपो को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोनों से इस्राइल के तेल अवीव, यरुशलम और हाइफा जैसे शहरों पर हमले किए। अब तक इस्राइल में 24 से अधिक और ईरान में 220 लोगों की मौत की खबर है।

भारत की प्रतिक्रिया और कदम
भारत ने इस (Israel-Iran) संकट पर करीबी नजर रखी है। विदेश मंत्रालय ने ईरान में फंसे करीब 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते सुरक्षित निकाला, जहां से उन्हें दिल्ली लाया जाएगा। इसके अलावा, तेहरान में रह रहे भारतीय नागरिकों से शहर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने और भारतीय दूतावास की आपातकालीन हेल्पलाइन से संपर्क में रहने की अपील की गई है।

WhatsApp Channel Join Now
Instagram Profile Join Now
Ad

अमेरिका की भूमिका और ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन को कनाडा में बीच में छोड़कर वाशिंगटन लौटने का फैसला किया। उन्होंने सोमवार को तेहरान के नागरिकों को तत्काल शहर छोड़ने की चेतावनी दी और कहा कि वह Israel-Iran संघर्ष का “वास्तविक समाधान” चाहते हैं, न कि केवल संघर्षविराम। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका तब तक सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा, जब तक ईरान अमेरिकी हितों पर हमला नहीं करता। हालांकि, उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की प्रतिबद्धता जताई।

ईरान का मोसाद एजेंट्स पर दावा
ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने तेहरान में इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के दो एजेंट्स को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर एक ड्रोन निर्माण इकाई संचालित कर रहे थे। उनके पास से 200 किलो विस्फोटक, ड्रोन और लॉन्चर्स से संबंधित उपकरण बरामद किए गए।

  • भारत पर संभावित प्रभाव

भारतीय नागरिकों की सुरक्षा: दोनों देशों में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी और छात्र हैं। पूर्ण युद्ध की स्थिति में उनकी सुरक्षा एक बड़ी चुनौती होगी।

कच्चे तेल की कीमतें: ईरान से तेल आपूर्ति बंद होने और होर्मुज जलडमरूमध्य के संभावित बंद होने से वैश्विक तेल कीमतें बढ़ सकती हैं। ब्रेंट क्रूड वर्तमान में 74-75 डॉलर प्रति बैरल है, जो 1.5% की वृद्धि दर्शाता है। भारत, जो अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है, पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

Ad 1

वैश्विक व्यापार: भारत का 34% निर्यात लाल सागर और होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते होता है। इन मार्गों में रुकावट से निर्यात प्रभावित होगा, जिससे वैश्विक व्यापार में 0.2% की गिरावट की आशंका है, जैसा कि विश्व व्यापार संगठन ने अनुमान लगाया है।

उड्डयन क्षेत्र: Israel-Iran के हवाई क्षेत्र बंद होने से भारतीय उड्डयन कंपनियों को तुर्कमेनिस्तान या सऊदी अरब जैसे वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़ रहे हैं, जिससे उड़ान समय 45-90 मिनट बढ़ गया है। इससे ईंधन खर्च और किराया बढ़ने की संभावना है। इंडिगो और एयर इंडिया ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की है।

जी7 की प्रतिक्रिया
जी7 नेताओं ने पश्चिम एशिया में तनाव कम करने और गाजा में संघर्षविराम की अपील की, लेकिन ट्रंप ने इस बयान को समर्थन देने के बाद भी इसे पर्याप्त नहीं माना और वाशिंगटन लौट गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *