ITR: आयकर विभाग ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म-2 अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन मोड में दाखिल करने के लिए उपलब्ध है। यह सुविधा वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए लागू होगी। इसके साथ ही विभाग ने स्पष्ट किया है कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की विस्तारित अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तय की गई है।
ITR-2 फॉर्म उन करदाताओं के लिए होता है जो वेतनभोगी हैं, लेकिन जिनके पास पूंजीगत लाभ, एक से अधिक संपत्तियाँ, या क्रिप्टोकरेंसी से आय जैसी अतिरिक्त आय होती है। इससे पहले केवल आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म ही ऑनलाइन और एक्सेल यूटिलिटी के माध्यम से दाखिल किए जा सकते थे।
ITR विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा,
“करदाताओं कृपया ध्यान दें! ITR-2 आयकर रिटर्न फॉर्म अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर पहले से भरे गए डेटा के साथ ऑनलाइन मोड के माध्यम से दाखिल करने के लिए सक्षम है।”
देखें: https://incometax.gov.in/iec/foportal/
इस घोषणा से उन लाखों करदाताओं को राहत मिलेगी जो ITR-2 के अंतर्गत आते हैं और अब तक ऑनलाइन सुविधा का इंतज़ार कर रहे थे। हालांकि, आईटीआर-3 फॉर्म की ऑनलाइन सुविधा अब भी उपलब्ध नहीं है और वह केवल एक्सेल यूटिलिटी के माध्यम से ही दाखिल किया जा सकता है।
कर विशेषज्ञों का मानना है कि ITR-2 की ऑनलाइन उपलब्धता से अब बड़ी संख्या में करदाता समय रहते रिटर्न दाखिल कर पाएंगे, जिससे रिटर्न प्रोसेसिंग में भी तेजी आएगी।

हर साल आमदनी पर टैक्स चुकाने वाले नागरिकों के लिए आईटीआर (Income Tax Return) दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। लेकिन आज भी बहुत से लोग इससे जुड़ी बुनियादी जानकारी नहीं रखते कि आईटीआर क्या होता है, किसे भरना चाहिए, और इसे कैसे भरा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं आईटीआर से जुड़ी जरूरी जानकारी
आईटीआर क्या होता है?
आईटीआर (Income Tax Return) एक वित्तीय दस्तावेज है, जिसे करदाता (Taxpayer) आयकर विभाग को अपनी सालाना आय, कर भुगतान, और कटौतियों की जानकारी देने के लिए भरता है। यह दस्तावेज यह बताता है कि आपकी कुल आय कितनी रही, आपने कितना टैक्स दिया और कितनी छूट (deduction) का लाभ लिया।
आईटीआर कौन भर सकता है?
- जिनकी सालाना आय टैक्स स्लैब के अनुसार कर योग्य है
- नौकरीपेशा (Salaried) कर्मचारी
- स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति (Freelancer, बिज़नेस मैन आदि)
- जिनके पास किराये की आय, पूंजीगत लाभ, ब्याज आय या क्रिप्टोकरेंसी से कमाई है
- जिन पर टैक्स नहीं बनता, लेकिन रिफंड क्लेम करना है
- जिनकी विदेश में संपत्ति या आय है
आईटीआर दाखिल करने का समय (Time Limit)
आम तौर पर आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई होती है। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए यह विस्तारित होकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है।
आईटीआर कैसे भरा जाता है?
ऑनलाइन मोड से (E-Filing):
- https://www.incometax.gov.in पर जाएं
- लॉगिन करें (पैन नंबर और पासवर्ड से)
- “File Income Tax Return” ऑप्शन पर क्लिक करें
- आकलन वर्ष, आईटीआर फॉर्म (ITR-1, ITR-2 आदि) चुनें
- फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरें – आय, कटौतियाँ, टैक्स भुगतान आदि
- फॉर्म को ई-वेरिफाई करें (OTP, आधार, बैंक आदि के माध्यम से)
- सफलतापूर्वक सबमिट करने पर आपको Acknowledgment (ITR-V) मिलेगा
ऑफलाइन मोड (Excel या JSON Utility):
- वेबसाइट से Excel/JSON Utility डाउनलोड करें
- फॉर्म भरें, XML फाइल जनरेट करें
- ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर XML अपलोड करें
- ई-वेरिफाई करें
आईटीआर के प्रकार (ITR Forms):
फॉर्म | इस्तेमाल करने वाले |
---|---|
ITR-1 | वेतनभोगी, एक घर की संपत्ति, कुल आय ₹50 लाख तक |
ITR-2 | पूंजीगत लाभ, एक से अधिक संपत्तियाँ, क्रिप्टो आय |
ITR-3 | बिज़नेस/प्रोफेशन से आय |
ITR-4 | प्रेजम्पटिव टैक्सेशन स्कीम (44ADA, 44AE आदि) |
आईटीआर भरने के फायदे:
- टैक्स रिफंड क्लेम करने में मदद
- विजा आवेदन, लोन, और क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी
- सरकारी योजनाओं और निविदाओं में उपयोगी
- भविष्य में टैक्स रिकॉर्ड के लिए ज़रूरी दस्तावेज
ई-वेरिफिकेशन क्यों जरूरी है?
आईटीआर फॉर्म भरने के बाद अगर आप उसे ई-वेरिफाई नहीं करते हैं, तो वह मान्य नहीं माना जाएगा। ई-वेरिफिकेशन आधार OTP, बैंक अकाउंट या नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है।