नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से जाट समाज और अन्य ओबीसी जातियों के साथ धोखा कर रही है।
केजरीवाल ने केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि 2015, 2017 और 2019 में केंद्र सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली के जाट समाज को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का वादा किया था। बावजूद इसके अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने बताया कि इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवा शिक्षा और रोजगार के उचित अवसरों से वंचित हो रहे हैं।
केंद्र की नीतियों में विसंगतियों का उल्लेख
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल राजस्थान के जाट समाज के युवाओं को दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दिल्ली के जाट समाज को यह लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली के जाट समाज और अन्य ओबीसी जातियों के साथ अन्याय है।

अन्य जातियों के लिए भी की अपील
उन्होंने रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण, और ओड जातियों का भी जिक्र करते हुए कहा कि इन जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी का दर्जा दिया है, लेकिन केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल न होने की वजह से उन्हें केंद्र सरकार के संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।
नौकरी और शिक्षा के अवसरों का मुद्दा उठाया
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के दिल्ली में सात विश्वविद्यालय, दर्जनों कॉलेज, दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स और अन्य संस्थानों में नौकरियां हैं। लेकिन इन संस्थानों में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण दिल्ली के ओबीसी युवाओं को अवसर नहीं मिल रहे हैं।
उन्होंने पीएम मोदी से मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों को दूर कर दिल्ली की ओबीसी जातियों को आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करे।
