जौनपुर I जौनपुर की ऐतिहासिक अटाला मस्जिद विवाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच चुका है। मस्जिद के वक्फ ने स्थानीय कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद की जमीन पर पहले अटला देवी मंदिर था। इस मामले ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में बहस छेड़ दी है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस विवाद पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “भारत के लोगों को इतिहास के झगड़ों में धकेला जा रहा है, जहां उनका कोई अस्तित्व नहीं था। अगर देश की 14% आबादी दबाव में रहेगी, तो वह महाशक्ति नहीं बन सकता। सत्ताधारी दल का यह कर्तव्य है कि वे पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा करें और इन झूठे विवादों को समाप्त करें।”
मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने जौनपुर जिला कोर्ट में दावा किया था कि जिस जगह अटाला मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी मंदिर था। यह आरोप लगाया गया कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई।
मस्जिद के वक्फ का पक्ष
अटाला मस्जिद के वक्फ ने अपनी याचिका में कहा कि विवादित संपत्ति हमेशा मस्जिद रही है और इसे 1398 में बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि यह संपत्ति मस्जिद के रूप में रजिस्टर्ड है और यहां मुस्लिम समुदाय नियमित रूप से नमाज अदा करता है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर 2024 को होगी। इस विवाद ने धार्मिक और सामाजिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।