वाराणसी I महादेव की नगरी काशी में आज शनिवार को कालभैरव अष्टमी के अवसर पर बाबा कालभैरव के प्राकट्योत्सव का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर अष्टभैरव प्रदक्षिणा यात्रा निकाली जाएगी और काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के जन्मोत्सव पर 1100 किलोग्राम का केक काटा जाएगा।
श्रद्धालु बाबा भैरवनाथ के आठ स्वरूपों का दर्शन-पूजन करेंगे। बाबा अनादिकालेश्वर श्री लाट भैरव का भव्य अन्नकूट शृंगार किया जाएगा और अष्ट भैरव की मनोरम झांकी के दर्शन होंगे। श्री लाटभैरव काशी यात्रा मंडल की ओर से भव्य अष्टभैरव प्रदक्षिणा यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
लाट भैरव: पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
बाबा लाट भैरव का पौराणिक नाम कपाल भैरव है। अंग्रेजी शासन के दौरान इन्हें लाट भैरव कहा गया। बाबा लाट भैरव काशी में लिंगाकार स्वरूप में पूजे जाते हैं। इन्हें कपालेश्वर महादेव के रूप में भी पूजा जाता है। बाबा कपाल भैरव को काशीवासियों के पाप और पुण्य कर्मों का न्याय करने वाला देवता माना जाता है।
काशी में अष्टभैरव के आठ प्रमुख मंदिर
1. दुर्गाकुंड पर चंड भैरव
2. हनुमानघाट पर रुद्रभैरव
3. कमच्छा पर क्रोधन भैरव और उन्मत्त भैरव
4. नखास पर भीषण भैरव
5. दारानगर में असितांग भैरव
6. सरैयां में लाट भैरव
7. गायघाट पर संहार भैरव