वाराणसी। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ ने अपने विवाहोत्सव पर श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक दर्शन दिए। लगातार 46 घंटे 45 मिनट तक भक्तों को दर्शन देने के बाद बाबा ने गुरुवार रात 1:15 बजे विश्राम लिया। इस दौरान 11,69,553 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर नया कीर्तिमान रच दिया। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन भी 6,05,088 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें बनी रहीं।

महाशिवरात्रि पर मंगलवार रात मंगला आरती के बाद बाबा ने केवल सवा घंटे का विश्राम लिया और रात 2:15 बजे पुनः मंगला आरती की गई। सुबह 3 बजे से मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह से ही नागा संन्यासियों ने विशेष पूजा-अर्चना की, जो दोपहर 3 बजे तक चली। शाम को प्रवेश द्वार क्रमांक चार खुलते ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
बुधवार रात 11 बजे से गुरुवार सुबह 6:30 बजे तक बाबा की चार प्रहर की आरतियां हुईं, जिसके कारण मंगला आरती स्थगित कर दी गई। इस दौरान पंचामृत स्नान और रुद्र मंत्रो के साथ भव्य अभिषेक किया गया। बाबा का श्रृंगार दूल्हे के रूप में किया गया, जिसमें उन्हें धतूरा, बेर, बेलपत्र, मदार पुष्प और गुलाल से सजाया गया।

गुरुवार को पूरे दिन और रात 1 बजे तक श्रद्धालु दर्शन-पूजन करते रहे। भक्तों की श्रद्धा और भक्ति की गूंज से संपूर्ण काशी शिवमय हो गई। बाबा के इस दिव्य आयोजन ने एक बार फिर काशी की आध्यात्मिक भव्यता को सिद्ध कर दिया।
