वाराणसी। शहर में UP65 नंबर की गाड़ियों के अलावा अन्य राज्यों के वाहनों के प्रवेश पर रोक के बावजूद मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान जैसी जगहों से आई गाड़ियां बिना किसी बाधा के कैसे घूम रही हैं। यह सवाल न केवल प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है, बल्कि नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी संदेह पैदा कर रहा है।
प्रश्न यह उठता है कि आखिर इन बाहरी गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति कौन दे रहा है। क्या यह प्रशासनिक चूक का मामला है या वाहन चालक ही नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस की चेकिंग व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या सही तरीके से गाड़ियों की जांच की जा रही है या नहीं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या बाहरी गाड़ियों की आवाजाही पर सख्ती बरती जाएगी या फिर यह नियम केवल कागजों तक ही सीमित रहेगा।
संभावित कारण इस प्रकार हो सकते हैं :-
प्रशासनिक लापरवाही:
चेकिंग पॉइंट्स पर सही निगरानी नहीं की जा रही।
ट्रैफिक पुलिस की ओर से नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा।
विशेष अनुमति:
क्या प्रशासन ने किसी कारणवश बाहरी गाड़ियों को एंट्री की छूट दी है?
क्या किसी विशेष श्रेणी के वाहनों (पर्यटक, सरकारी, इमरजेंसी सेवा) को छूट दी गई है?
प्रवेश नियमों की अनदेखी:
कई गाड़ी चालक नियमों को दरकिनार कर गलत रास्तों से शहर में प्रवेश कर रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस की सख्ती न होने के कारण लोग नियम तोड़ने से नहीं डर रहे।