वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दो दिवसीय उपाधि वितरण समारोह के पहले दिन शुक्रवार को 44 पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 46 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। यह आयोजन गांधी अध्ययन पीठ सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. दुर्ग सिंह चौहान, जीएलए विश्वविद्यालय के प्रो-कुलपति रहे।
प्रो. चौहान ने कहा कि काशी विद्यापीठ का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा ही भारत की समग्र उन्नति का माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना चाहिए कि लोग यहां आकर शिक्षा ग्रहण करें, न कि हमें विदेश जाना पड़े । साथ ही, विद्यार्थियों से माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करने की अपील की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने शिक्षा को मानवता के कल्याण का साधन बताया। उन्होंने कहा कि ज्ञानार्जन का उद्देश्य केवल व्यक्तिगत विकास नहीं, बल्कि मानवता के लिए योगदान देना है। हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए आत्मविश्वास से आगे बढ़ना चाहिए। समारोह में स्नातक स्तर के आठ पाठ्यक्रमों में 08 स्वर्ण पदक (07 छात्राएं और 01 छात्र) तथा स्नातकोत्तर स्तर के 36 पाठ्यक्रमों में 38 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।
समारोह का दूसरा चरण 21 दिसंबर को आयोजित होगा। इस दिन स्नातक और स्नातकोत्तर के टॉप टेन (वरीयता क्रम में दूसरे से 10वें स्थान तक) विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएंगी। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि नैक के पूर्व निदेशक प्रो. ए.एन. राय होंगे, जबकि अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी करेंगे।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, वित्त अधिकारी संतोष शर्मा, कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह, परीक्षा नियंत्रक दीप्ति मिश्रा, सहित विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।