वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संस्कृत विभाग द्वारा बुधवार को श्रीमद्भगवत गीता जयंती का आयोजन किया गया। भाव प्रबोधिनी सभा के तहत आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत गीता पाठ से हुई। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. भावना वर्मा ने श्रीमद्भगवत गीता के समत्वयोग को समाज के प्रत्येक व्यक्ति में देखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गीता के सिद्धांतों को अपनाकर कार्य करना चाहिए।
बीज वक्तव्य देते हुए डॉ. अनीता ने गीता के कर्म, ज्ञान और भक्ति योग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समस्त योगों में भाव का होना आवश्यक है। प्रो. राजमुनि जी ने श्रीमद्भगवत गीता का हिंदी साहित्य पर प्रभाव विषय पर बात की, जबकि डॉ. दीपक कुमार ने गीता में वर्णित योगों पर चर्चा की।

इस अवसर पर डॉ. सीमा यादव और डॉ. अनीता ने श्रीमद्भगवत गीता का वितरण शिक्षकों और छात्रों में किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. उपेंद्र देव पांडेय ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सीमा यादव ने किया।
इस कार्यक्रम में डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला, डॉ. शमा मिश्रा, डॉ. श्वेता अग्रहरि, डॉ. रेखा यादव, डॉ. विभा सिंह, डॉ. कुमुद कुमार पांडेय सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

