वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा शनिवार को अंबेडकर पार्क में एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को नशा मुक्ति अभियान की जानकारी दी गई और नशा त्यागने की शपथ दिलाई गई।
शिविर में डॉ. अंजना वर्मा ने नशीली दवाओं की लत को समाज के लिए एक गंभीर समस्या बताते हुए कहा कि इसका प्रभाव केवल व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि परिवार और समाज पर भी पड़ता है। नशीली दवाओं के कारण अपराध दर में वृद्धि हुई है, जिससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि रोकथाम ही इस समस्या से निपटने का सबसे प्रभावी उपाय है।

कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वीणा वादिनी ने बताया कि नशा मुक्त भारत अभियान देश के 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 272 संवेदनशील जिलों में चलाया जा रहा है, जहां नशीली दवाओं के उपयोग के मामले अधिक पाए गए हैं। यह अभियान राष्ट्रीय सर्वेक्षण के निष्कर्षों और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार, देश में 60 मिलियन से अधिक नशा करने वाले लोग हैं, जिनमें बड़ी संख्या में 10-17 वर्ष की आयु वर्ग के युवा शामिल हैं।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई और समाज में नशा मुक्ति का संदेश फैलाने का संकल्प लिया गया।