काशी विद्यापीठ में वैदिक गणित और संगीत पर व्याख्यान, भारतीय ज्ञान परंपरा पर हुई चर्चा

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित मल्टीडिसिप्लीनरी रिफ्रेशर कोर्स के ग्यारहवें दिन शनिवार को ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली में वैदिक गणित एवं संगीत’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया।

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प्रथम सत्र में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ. हरीश पाण्डेय ने वैदिक गणित के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारतीय गणित की एक प्राचीन प्रणाली है, जिसकी खोज जगद्गुरु स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ ने की थी। उन्होंने बताया कि वैदिक गणित से जटिल गणितीय समस्याओं को तीव्रता से हल किया जा सकता है, जिससे छात्रों में निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है और गणितीय भूलों में कमी आती है।

काशी विद्यापीठ में वैदिक गणित और संगीत पर व्याख्यान, भारतीय ज्ञान परंपरा पर हुई चर्चा काशी विद्यापीठ में वैदिक गणित और संगीत पर व्याख्यान, भारतीय ज्ञान परंपरा पर हुई चर्चा

द्वितीय सत्र में काशी विद्यापीठ की संगीत विभाग की डॉ. संगीता घोष ने ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में संगीत का तत्व दर्शन’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय संगीत, जो गायन, वाद्य और नृत्य का समुच्चय है, प्राचीन काल से ही आध्यात्मिकता और मानसिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है। वैदिक काल में सामगान का विशेष महत्व था, जिसे गुरू-शिष्य परंपरा के माध्यम से संरक्षित किया गया।

इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम, प्रो. रमाकांत सिंह, विनय सिंह, डॉ. रेनू सिंह सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। संचालन विनय सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रेनू सिंह ने दिया।

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