वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ( Kashi Vidyapith ) के समाज कार्य संकाय में सोमवार को ‘प्रीवेंशन ऑफ एण्ड हीलिंग फ्रॉम चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन, एब्यूज एण्ड वायलेंस’ ( Prevention of and Healing from Child Sexual Exploitation, Abuse and Violence ) के विश्व दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में निरुपमा सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी, वाराणसी ने जे.जे. एक्ट ( Juvenile Justice ) के तहत बाल शोषण की रोकथाम और बालकों के समायोजन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए बनाए गए रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की जानकारी दी, साथ ही जिला इंस्पेक्शन कमिटी और (सी.ए.आर.ए.) वेबसाइट के बारे में भी बताया।
संगोष्ठी की संयोजक प्रो. भावना वर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और बच्चों के शोषण, एब्यूज और हिंसा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। विशिष्ट अतिथि के रूप में यूनिसेफ के अनिल कुमार, डिविजनल एडवाइजर, चाइल्ड प्रोटेक्शन ने पॉस्को एक्ट 2012 पर चर्चा की। काशी विद्यापीठ के कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग और डिजिटल प्रणाली के माध्यम से होने वाले बाल शोषण के मुद्दे पर विस्तार से बताया।
अमेरिका की लिबर्टी यूनिवर्सिटी(LIBERTY UNIVERSITY ) के डॉ. माइकल बैलोनेक ने पी.पी.टी. प्रेजेंटेशन (POWER POINT PRESENTATION ) के द्वारा बाल शोषण के विभिन्न रूपों पर जानकारी दी। संगोष्ठी के निदेशक प्रो. एम.एम. वर्मा ने बाल शोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और समाज कार्य के माध्यम से इन समस्याओं के समाधान को खोजने पर जोर दिया।
इस अवसर पर प्रो. वंदना सिन्हा, प्रो. शैला परवीन, प्रो. अनिल कुमार चौधरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. संदीप गिरी, डॉ. भारती कुरील, डॉ. सतीश कुशवाहा, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. अश्वनी सिंह, नन्दनी वर्मा, नैन्सी मौर्या, प्रगति, राहुल वर्मा, जान्हवी, प्रीति राज, सुधाशु सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।