वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के भूगोल एवं भू सूचना विभाग में सोमवार को दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की। यह कार्यशाला भूगोल के यंत्रों के प्रयोग पर केंद्रित है, जिसमें विशेषज्ञों ने फील्ड सर्वेक्षण और यंत्रों के उपयोग के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्य वक्ता प्रो. उषा सिंह ने फील्ड सर्वेक्षण को भूगोल का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि विद्यार्थी अब इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया से दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान देने में सहायक होती हैं। बीएचयू के प्रो. नरेंद्र वर्मा ने मानचित्र निर्माण में यंत्रों की भूमिका को समझाया, जबकि प्रो. तारकेश्वर सिंह ने जीपीएस और जीआईएस के उपयोग पर प्रकाश डाला।

डॉ. शिवानंद यादव ने फील्डवर्क में भूगोल यंत्रों की उपयोगिता और महत्व को रेखांकित किया। डॉ. मनोज कुमार सिंह ने टोटल स्टेशन के उपयोग के बारे में जानकारी दी, जबकि डॉ. उमाकांत सिंह ने सेक्सटेंट और डंपी लेवल जैसे यंत्रों के महत्व पर चर्चा की।
कार्यवाहक कुलसचिव दीप्ति मिश्रा ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हैं। वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने भी भौगोलिक यंत्रों के व्यावहारिक उपयोग पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ. वंदना सिंह ने स्वागत भाषण और धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर डॉ. मारकंडेय सिंह यादव, डॉ. अजय सिंह, डॉ. अवनीश सिंह, डॉ. अंगद कुमार आशीष, डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव, डॉ. उषा पांडेय, डॉ. प्रदीप गौतम और अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
