वाराणसी। मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा आयोजित मल्टीडिसिप्लीनरी रिफ्रेशर कोर्स के सातवें दिन मंगलवार को भारतीय ज्ञान प्रणाली और प्राचीन भारतीय शिक्षा पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
प्रथम सत्र में बीएचयू के इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फ़ॉर टीचर एजुकेशन के आचार्य अजय सिंह ने ‘भारतीय दर्शन के विविध आयाम’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली ज्ञान, विज्ञान और जीवन दर्शन की संरचित परंपरा है, जो अवलोकन, प्रयोग और विश्लेषण पर आधारित है। यह प्रणाली वैदिक काल से लेकर वर्तमान तक भारत के शैक्षिक, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लक्ष्यों को समझने की मजबूत आधारशिला प्रदान करती है।
द्वितीय सत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. सुनील कुमार सिंह ने ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली और प्राचीन भारतीय शिक्षा’ पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा प्राचीन, विविध और सशक्त है, जिसे पुनः रोपित कर आधुनिक संदर्भ में सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम ने की, संचालन विनय सिंह ने किया और विद्वानों का परिचय प्रो. रमाकांत सिंह ने दिया। अंत में डॉ. राजेंद्र यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।