वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अकादमिक सेल द्वारा राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय समाज कार्य शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रविवार को संपन्न हुआ। देशभर के 40 से अधिक शिक्षकों ने इसमें सहभागिता की और ट्रांसजेंडर अधिकार, भिखारी पुनर्वास और बुजुर्गों की चुनौतियों जैसे ज्वलंत सामाजिक विषयों पर विचार-विमर्श किया।
प्रशिक्षण सत्र में प्रो. संजय, निदेशक, ट्रांसजेंडर सेल, काशी विद्यापीठ ने ट्रांसजेंडर एवं क्वीर समुदाय की चुनौतियां विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि समलैंगिक, ट्रांसजेंडर और अन्य लैंगिक पहचान वाले लोगों को समाहित करने के लिए सामाजिक और कानूनी स्तर पर अधिक संवेदनशीलता की आवश्यकता है।

डॉ. के. निरंजन, अपना घर आश्रम, वाराणसी ने अनाथ, लावारिस एवं भिखारी मुक्त वाराणसी विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि एक नए स्टार्टअप मॉडल के तहत बेघर और लावारिस लोगों के पुनर्वास की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रो. भावना वर्मा, समाज कार्य विभाग, काशी विद्यापीठ ने बुजुर्गों के सामने चुनौतियां एवं आवश्यकताओं पर चर्चा की। उन्होंने शारीरिक कमजोरी, अकेलापन, वित्तीय असुरक्षा, स्वास्थ्य समस्याएं और देखभाल के अभाव को बुजुर्गों की प्रमुख समस्याएं बताया।

कार्यक्रम के समापन पर डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की और प्रतिभागियों से फीडबैक लिया।