महाकुंभ 2025: फ्रांस की पास्कल की शिवभक्ति तो इटली की एंजेला बनीं अंजना गिरि, जानें उन विदेशी महिलाओं के बारे में जो कुंभ में कर रही साधना

महाकुंभ 2025: जहां महाकुंभ का माहौल साधु-संतों की साधना और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर है, वहीं विदेशी महिलाओं का भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रति बढ़ता आकर्षण चर्चा का केंद्र बन गया है। इटली की एंजेला जो कि अंजना गिरी बन गई है और फ्रांस की पास्कल की शिवभक्ति में रम चुकी है। आइए जानते है इनकी कहानी जो कुंभ में साधना कर रही है।

इटली की एंजेला बनीं अंजना गिरि

इटली की 55 वर्षीय एंजेला, जो अब अंजना गिरि के नाम से जानी जाती हैं, महाकुंभ में श्री पंच दशनाम शंभू अटल अखाड़े के साथ सनातन धर्म की साधना में रत हैं। एंजेला का भारतीय धर्म से जुड़ाव 14 वर्ष की उम्र में शुरू हुआ, जब उन्होंने अपनी मां के कपड़ों के बीच से संस्कृत में लिखी हठयोग की एक पुस्तक पाई।

इस पुस्तक को समझने में दो साल का समय लगा, लेकिन इसने उनकी सोच को पूरी तरह बदल दिया। चर्च जाने वाली एंजेला ने धीरे-धीरे परमहंस योगानंद और जी. कृष्णमूर्ति जैसे विचारकों के साहित्य को पढ़ना शुरू किया। 1994 में, 24 साल की उम्र में, उन्होंने भारत की यात्रा की और कश्मीर, उत्तराखंड, काशी, आगरा, और ज्योतिर्लिंग नागेश्वर जैसे पवित्र स्थलों तक पहुंचीं। यही यात्रा उन्हें शिवभक्ति की ओर ले गई।

फ्रांस की पास्कल की शिवभक्ति

महाकुंभ में फ्रांस की पास्कल नामक महिला भी शिवभक्ति के प्रति अपनी आस्था के कारण चर्चा में हैं। पास्कल ने महाकुंभ को आत्मा को शुद्ध करने वाला पवित्र स्थल बताया। उन्होंने कहा, “यहां आकर योगियों, साधुओं और हिंदू धर्म के अनुयायियों से मिलने का मौका मिलता है। मैं भगवान शिव की उपासक हूं और हिंदू धर्म के प्रति मेरी श्रद्धा गहरी है।”

महाकुंभ का वैश्विक प्रभाव

महाकुंभ 2025 न केवल भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की गहराई को दर्शा रहा है, बल्कि यह भी प्रमाणित कर रहा है कि इसकी शिक्षाएं विश्वभर के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। यहां का आध्यात्मिक माहौल विदेशी नागरिकों को भी सनातन धर्म के करीब ला रहा है।

Ad 1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *