Leopard Attack: चिरईगांव क्षेत्र के कामाख्या नगर कॉलोनी के पास शुक्रवार सुबह उस वक्त दहशत फैल गई जब पास के करौंदे के बगीचे में एक तेंदुआ (Leopard Attack) दिखाई दिया। सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4:50 बजे तक यह तेंदुआ झाड़ियों में छिपा रहा, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद वन विभाग उसे पकड़ने में नाकाम रहा।
जानकारी के अनुसार, तेंदुआ नीम के पेड़ के नीचे झाड़ियों में घंटों छिपा रहा। मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण और पुलिसकर्मी जुट गए, लेकिन किसी के पास भी तेंदुआ पकड़ने के लिए जरूरी संसाधन नहीं थे।
Leopard Attack: बिना तैयारी पहुंचा वन विभाग
ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग की टीम को घटना की सूचना मिलते ही बुलाया गया, लेकिन टीम करीब डेढ़ से दो घंटे की देरी से मौके पर पहुंची। और जब टीम आई भी, तो उसके पास न पिंजरा था, न ट्रैंक्विलाइज़र गन, और न ही तेंदुआ पकड़ने के लिए कोई अन्य जरूरी उपकरण।
ग्रामीणों पर झपटा, दो घायल
शाम करीब 4:50 बजे तेंदुआ सुरक्षा घेरे को चकमा देकर पास की रिहायशी बस्ती की ओर भाग गया। इसी दौरान उसने दो ग्रामीणों पर हमला (Leopard Attack) कर उन्हें घायल कर दिया।

वन विभाग पर गंभीर आरोप
ग्राम प्रधान राजेश और पूर्व प्रधान धनंजय मौर्य सहित कई ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि विभाग ने न तो समय पर पहुंचने की कोशिश की, और न ही पर्याप्त सुरक्षा और संसाधनों की व्यवस्था की।
दहशत का माहौल, बस्ती में डर
तेंदुए के रिहायशी इलाके में पहुंच जाने के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है। बच्चों और महिलाओं को घरों से निकलने से मना किया गया है। लोग डर के साये में जी रहे हैं, जबकि वन विभाग की टीमें अब भी बगैर कारगर योजना के क्षेत्र में गश्त कर रही हैं।
