नई दिल्ली। महिला सम्मान योजना को लेकर विवाद तेज हो गया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस योजना की जांच कराने के आदेश दिए हैं। उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच करके कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चेतावनी दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही इस योजना से जुड़ी अफवाहों के खिलाफ चेतावनी जारी की थी। विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर बताया कि “महिला सम्मान योजना” और “संजीवनी योजना” जैसी योजनाओं के बारे में चल रहा प्रचार गलत है।
विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई योजना आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है और नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कदम
महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि यदि कोई राजनीतिक पार्टी या निजी संस्था इन योजनाओं के नाम पर जानकारी एकत्रित करती है तो यह धोखाधड़ी है। विभाग ने नागरिकों को सावधान करते हुए बताया कि अपनी संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक खाता, वोटर आईडी, फोन नंबर और अन्य व्यक्तिगत विवरण न साझा करें, क्योंकि इससे साइबर अपराध और बैंकिंग धोखाधड़ी हो सकती है।
केजरीवाल ने की थी योजना की घोषणा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने “महिला सम्मान योजना” का ऐलान करते हुए कहा था कि सरकार हर महीने महिलाओं के खातों में 1000 रुपये जमा करेगी। बाद में उन्होंने यह राशि बढ़ाकर 2100 रुपये करने का भी दावा किया था। योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
